मध्य प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग व सप्लाई के नए रिकार्ड एक साथ बने। आज 24 दिसंबर को दोपहर 12:56 बजे बिजली की अधिकतम मांग का नया रिकार्ड 15692 मेगावाट दर्ज हुआ। वहीं गत दिवस 23 दिसंबर को प्रदेश में बिजली सप्लाई का नया रिकार्ड कायम हुआ। इस दिन 2956.27 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई पूरे प्रदेश में की गई।
इससे पूर्व मध्यप्रदेश में 31 दिसंबर 2020 को 2954.77 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई हुई थी। मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट से ऊपर दर्ज हो रही है। बिजली कंपनियों के बेहतर प्रबंधन और सुदृढ़ नेटवर्क के कारण बिजली की इस अधिकतम मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई हुई और प्रदेश में कहीं भी विद्युत व्यवधान नहीं हुआ।
पश्चिम क्षेत्र में बिजली की मांग 6021 मेगावाट
आज जब प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग दर्ज हुई उस समय मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 6021 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 5145 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4240 मेगावाट दर्ज हुई। रेलवे की मांग 286 मेगावाट रही। उल्लेखनीय है कि 22 दिसंबर को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की अब तक सर्वाधिक बिजली मांग 4463 मेगावाट दर्ज हुई।
प्रदेश में कैसे हुई बिजली सप्लाई
प्रदेश में आज 24 दिसंबर को जब बिजली की अधिकतम मांग 15692 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3650 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1048 मेगावाट, एनटीपीसी अंश 4185 मेगावाट, जेपी बीना-बीएलएल 247, आईपीपी का अंश 2606 मेगावाट रहा और बिजली बैंकिंग से 2107, अन्य स्त्रोत जैसे रिहंद, माताटीला, राजघाट का अंश 638 और नवकरणीय स्त्रोत से प्रदेश को 1211 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।
प्रदेश में 15692 मेगावाट बिजली की मांग की सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के कंट्रोल रूम व क्षेत्रीय कार्यालय, स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी व राज्य की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियंताओं व कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।