भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में सितंबर की शुरुआत तेज बारिश से हुई है। बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम से पूरे मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज यानि गुरुवार को भिंड, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सागर में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 29 जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। बारिश के चलते आज भोपाल में 5वीं क्लास जबकि राजगढ़, सागर, गुना, शिवपुरी, मुरैना और भिंड में 8वीं तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि लो प्रेशर एरिया अब डिप्रेशन में बदल गया है। मानसून ट्रफ भी डिप्रेशन से गुजर रहा है। दक्षिण गुजरात के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना है। इन तीन सिस्टम की वजह से बारिश का दौर बना हुआ है। अगले 24 घंटे के दौरान कुछ जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा पार हो गया है। औसत 37.3 इंच के मुकाबले 39.1 इंच बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश मंडला जिले में 54.64 इंच हुई है। दूसरे नंबर पर सिवनी जिला है। यहां अब तक 53 इंच पानी गिर चुका है। 24 घंटे में ही यहां 4-4 इंच पानी बरस गया। भोपाल, सागर, श्योपुर और छिंदवाड़ा में 47 इंच, डिंडौरी, रायसेन-नर्मदापुरम में 46 इंच, बालाघाट में 45 इंच से अधिक बारिश हुई।
इससे पहले, बुधवार को 28 जिलों में तेज बारिश हुई। बांध-तालाब ओवरफ्लो हो गए। नदियां उफनाने से दमोह, सिवनी, बालाघाट, सागर, छतरपुर, शिवपुरी जिले में बाढ़ के हालात बन गए। प्रदेश में अब तक कोटे से 4.9 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। वहीं, भिंड में क्वांरी, सांक नदी और सिंध खतरे के निशान पर बह रही हैं। इस कारण 50 गांवों में अलर्ट है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा नदी खतरे के निशान से 7 फीट नीचे बह रही है। प्रशासन ने निचली बस्तियों में अलर्ट रहने को कहा है।
स्ट्रॉन्ग सिस्टम ने एक बार फिर प्रदेश के डैम और तालाबों को ओवरफ्लो कर दिया। बुधवार को भोपाल के कोलार, केरवा, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खुले रहे। नर्मदापुरम में तवा डैम के 13 में से 9 गेट, बरगी बांध के 21 में से 17, मोहनपुरा डैम के 10 गेट, हलाली डैम के 5 गेट, मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट, अटल सागर डैम के 2 गेट, तिघरा डैम के 7 गेट, बानसुजारा डैम के 12 गेट, जोहिला डैम के 2 गेट खुले रहे। दूसरी ओर, नर्मदा, चंबल, कालीसिंध, पार्वती, शिप्रा समेत कई नदियां उफान पर रहीं।