मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के प्रस्तावित निजीकरण का प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के कर्मचारी संगठनों ने एकमत होकर विरोध करने का निर्णय लिया है।
विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध के लिए गठित संयुक्त मोर्चा की बैठकों का दौर भी जारी है। इस बीच विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बिजली संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग धुंधली होती जा रही है।
बिजली संविदा कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि मध्यप्रदेश विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा हो या मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉय एवं इंजिनियर्स, जो भी संगठन बिजली संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को रखेगा, प्रदेश का बिजली संविदा कर्मचारी समाज उस संगठन के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा रहेगा।
संविदा कर्मचारियों का ये भी कहना है कि अगर किसी भी कर्मचारी संगठन ने बिजली संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग निजीकरण के साथ में नहीं रखी तो यह भी स्पष्ट है कि कोई भी संविदा कर्मचारी किसी भी संगठन के साथ निजीकरण के विरोध की लड़ाई में शामिल नहीं होगा।