मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की प्रदेश के शिक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग, राज्य शिक्षा केन्द्र सहकारिता, पीडब्ल्यूडी, पीएचई. जलसंसाधन विभाग, राजस्व, वन विभाग, कृषि विभाग पंचायत विभाग सहित प्रदेश विभिन्न निगम व मण्डलों द्वारा संविदा कल्चर अपनाते हुए संविदा कर्मी नियुक्त कर उनसे न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन पर काम लिया जा रहा है।
संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण के नाम पर समिति गठित कर आवश्वासन का झुनझुना पकडा दिया गया है, जिससे संविदा कर्मी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह संविदा कर्मी लगभग 15 वर्षों से शासकीय कार्यालयों में सेवायें देते हुए महत्वूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर हैं, किन्तु उनका वेतन लधु वेतन पाने वाले कर्मचारियों से भी कम है।
संध के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, जवाहर केवट, मनोज राय द्विय, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र सेन, आलोक अग्निहोत्री, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे. अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, केके तिवारी, अजय राजपूत, केजी पाठक, हरिशंकर गौतम, गणेश चतुर्वेदी, कैलाश शर्मा, लक्ष्मण परिहार, हर्ष मनोज दुबे, केके विश्वकर्मा, अरूण दुबे, विनोद साहू, नेतराम झारिया, योगेन्द्र मिश्रा, मनीष चौबे, सुनील राय, महेश कोरी, अजय सिंह ठाकुर, आनंद रैकवार, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनोज सेन, श्यामनारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश में संविदा कल्वर समाप्त करते हए सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जावे।