Tuesday, November 26, 2024
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65 वर्ष हो सेवानिवृति की आयु: शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो बंद

शासन के कुछ विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों को 65 वर्ष की उम्र में रिटायर किया जाता है, वहीं कुछ विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों को 58, 60, 62 वर्ष की आयु में ही रिटायर कर दिया जाता है। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने अधिकारियों-कर्मचारियों को अलग-अलग 58, 60, 62, 65 वर्ष की उम्र में रिटायर किये जाने को भेदभावपूर्ण व्यवस्था बताया है।

जबकि सभी कर्मचारियों की नियुक्ति नियमानुसार होती है। सभी कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते, आवास भत्ते, शहरी भत्ते एवं सभी अन्य लाभ एक समान दिये जाते है। रिटायरमेंट पर पेंशन, उपादान, अवकाश नगदीकरण यहां तक की कर्मचारी के निधन पर अनुकंपा नियुक्ति भी एक समान नियमों के अनुसार दी जाती है, फिर अलग-अलग उम्र में रिटायर कर कर्मचारियों के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जा रहा है। 

अलग-अलग उम्र में रिटायर करने से अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी असंतोष पनप रहा है। सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक समान 65 वर्ष की उम्र में रिटायर करना चाहिए, इससे वर्तमान में शासन को रिटायरमेंट में लाखों रुपए का पेंशन, उपादान, अवकास नगदीकरण और जमा जीपीएफ, फंड का पैसा भी तीन वर्ष पश्चात देना पड़ेगा, अनुभवी अधिकारियों-कर्मचारियों से विकास की योजनाओं में भी लाभ मिलेगा।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, ब्रजेश मिश्रा, देव दोनेरिया, विश्वदीप पटेरिया, सन्तोष मिश्रा, प्रसांत सोंधिया, नरेश शुक्ला, रविकांत दहायत, योगेस चौघरी, अजय दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, आशुतोष तिवारी, इंद्रप्रताप यादव, मुकेश मिश्रा, संदीप नेमा, नरेंद्र सेन, रजनीश पांडेय, विनय नामदेव, सतीश उपाध्याय, पीएल गौतम, रवि बांगड़ ने सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक समान 65 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के पश्चात ही रिटायर करने की माँग की है।

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