मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि देश की ऊर्जाधानी रीवा ग्रीन एनर्जी का केन्द्र बनेगा। यहाँ सोलर पैनल पावर प्लांट और जल विद्युत प्लांट स्थापित हैं।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अब रिलायंस फाउण्डेशन द्वारा तीन कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाये जा रहे हैं। प्लांट में गेंहू और धान की नरवाई (फसल अवशेष) से कम्प्रेस बायोगैस बनाई जाएगी। इससे नरवाई जलने से पर्यावरण नुकसान नहीं होगा। नरवाई की समस्या से किसानों को निजात मिलने के साथ ही उन्हें अब नरवाई से नगद लाभ भी होगा।
रीवा कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बायोगैस प्लांट के लिए एक सप्ताह में उपयुक्त जमीन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये।
बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि संस्थान को जमीन, बिजली, पानी तथा अन्य सुविधाएँ बिना किसी परेशानी से मिलेगी। रीवा को विकसित करने और यहाँ के लोगों को रोजगार देने के हर अवसर का स्वागत करेंगे। गुढ़, मनगवां, मऊगंज, सिरमौर तथा त्योंथर में बायोगैस प्लांट लगाने की अच्छी संभावना है। जिले में लैण्टाना घास भी पर्याप्त मात्रा में वनों में है। इससे बायोकोल बनाने का भी प्लांट लगाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि एक प्लांट में 7 हजार टन बायोमास का उपयोग होगा। प्रदेश में 10 प्लांट रिलायंस द्वारा लगाए जा रहे हैं। रीवा में तीन प्लांट लगाने की संभावना है। कंप्रेस्ड बायोगैस को उद्योगों में उपयोग करेंगे। एक प्लांट से लगभग पाँच सौ लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।