मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जबलपुर जिले में भारतीय सेना की 6 आर्डेनेंस फैक्ट्री और भारतीय सेना के जैसे Controllors of defence Account, Defence services officers institute, AMC Officers Mess, Jabalpur Commandant Board, PAO (OR) Corps of Signals, Signal Record Office, Nausera Defence Acadamy, Grenadiers Regimental Center और HQ CWE इत्यादि अनेकों मुख्यालय एवं सेना पुलिस हैड आफिस एवं भारतीय रेल जोन और केन्द्रीय विभागों के अनेक मुख्यालय होने के बावजूद जबलपुर में एक भी सैनिक स्कूल स्थापित नहीं है, वहीं जबलपुर संभाग सहित पूरे महाकौशल में भी कोई सैनिक स्कूल नहीं है।
वहीं दो संभागों के 12 जिलों के लिए मात्र रीवा संभाग के रीवा जिले में एक सैनिक स्कूल है, जिससे जबलपुर जिले एवं अन्य आसपापस के सभी 11 जिलों के विद्यार्थियों को सैनिक स्कूल में पढ़ने का अवसर अत्यंत दुर्लभता से ही प्राप्त हो पाता है। जबलपुर जिले में इतने महत्वपूर्ण सैनिक मुख्यालय होने के बावजूद एक भी सैनिक स्कूल न होना संस्कारधानी की घोर उपेक्षा है। संघ मांग करता है कि जबलपुर जिले में एक सैनिक स्कूल खोला जाये, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थियों को भारतीय सेना के स्कूल में पढ़कर अपना भविष्य संवारने का मौका मिल सके।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, संजय यादव, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, दुर्गेश पाण्डेय, संदीप नामदेव, मनोज सिंह, मुकेश मिश्रा, शरद मिश्रा, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, सतीश देशमुख, इंद्रजीत मिश्रा, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, हेमन्त गौतम, महेन्द्र चौधरी, अमित गौतम, शैलेन्द्र दुबे, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता, प्रमोद वर्मा, वीरेन्द्र सिंह ठाकुर, वीरेन्द्र पटेल, राकेश वर्मा, देवेन्द्र दाहिया, अभिषेक वर्मा, शेरसिंह, राजाबाबू बैगा, निशांक तिवारी आदि ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि जबलपुर जिले में एक सैनिक स्कूल शीघ्र खोला जाये, जिससे अधिक से अधिक संख्या में छात्र देश की सेवा में अपना योगदान दे सकें।