मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों की लंबित मांगों के संबंध में एक ईमेल प्रदेश के मुख्यमंत्री को किया है, जिसमें मांग की गई कि ओपीएस दी जाये, एनपीएस बंद की जाये, शिक्षकों को वेतन के अनुरूप पदनाम दिया जाये, लिपिकों की वेतन विसंगति दूर की जाये, केंन्द्रीय कर्मचारियों की भांति राज्य के कर्मचारियों को भी बढे हुए मंहगाई भत्ते की राशि एरियर सहित भुगतान की जाये, सातवें वेतनमान के अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति ग्रहभाडा भत्ता, यात्रा भत्ता एवं अन्य सुविधाएं स्वीकृत की जायें, केन्द्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेशनरों को स्वास्थ्य बीमा योजना शीघ्रतिशीघ्र लागू की जाये, मृत शासकीय सेवकों के आश्रित परिवार के सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों का सरलीकरण करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति देने की समयसीमा निर्धारित की जाये। संविदा कल्चर, आउटसोर्स ठेका प्रथा, दैनिक वेतन भोगी, कार्यभारित कर्मियों को नियमित किया जाये।
इसके अलावा मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कोरोना योद्वा व फ्रंटलाईन वर्करों को 10000 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाये। शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को उनकी योग्यता अनुसार उनको अध्यापक संवर्ग में मर्ज किया जाये। स्वास्थ्य विभाग के बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संवर्ग को प्रथम समयमान वेतनमान 2400 से बढाकर 2800 एवं द्वितीय समयमान वेतनमान 2800 से बढ़ाकर 3600 तथा तृतीय समयमान 3200 से बढाकर 4200 किया जाये। समयमान वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों को वेतनमान के अनुरूप पदनाम भी प्रदान किया जाये। समस्त विभागों से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को तीन माह पूर्व ही उनकी समस्त अर्हताएं पूर्ण कर सेवापुस्तिका कोष एवं लेखा पेंशन हेतु एवं जीपीएफ भुगतान के लिए प्रेषित किया जाये।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मिर्जा मंसूर बेग, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, मनीष चौबे, सुनील राय, महेश कोरी, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनोज सेन, आनंद रैकवार, गनेश उपाध्याय, प्रणव साहू, अभिषेक मिश्रा, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, प्रियांशु शुक्ला, आशीष दुबे, अजीत दुबे, धर्मेन्द्र मेहरा, विघाघर मिथलेश, सरिता यादव, प्रियंका कुशवाहा, देवेन्द्र यादव, जितेन्द्र द्विवेदी आदि ने मुख्यमंत्री को ईमेल कर मांग की है कि कर्मचारियों की उक्त समस्याएं तत्काल निराकरण की जाये, नही तो कर्मचारी धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा, जिसकी जबाबदारी शासन-प्रशासन की होगी।