मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने कहा है कि पूर्व में जारी आदेश के अनुसार प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण निम्न आय घरेलू उपरोक्ताओं को विद्युत देयकों के भुगतान में आ रही कठिनाईयों के दृष्टिगत 1 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की 31 अगस्त 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित किया गया था। साथ ही ऊर्जा विभाग ने अपने आदेश में कहा था कि आस्थगित बकाया राशि के बारे में पृथक से निर्देश जारी किये जाएंगे।
इसी तारतम्य में ऊर्जा विभाग ने विद्युत कंपनियों को पत्र जारी कर कहा है कि 1 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की 31 अगस्त 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की आस्थगित राशि के भुगतान में इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मंगलवार 16 नवंबर को ऊर्जा विभाग ने समाधान योजना के प्रावधान जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प उपलब्ध होंगे। जिसके तहत पहले विकल्प में आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। वहीं दूसरे विकल्प के तहत आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत , 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी।
ऊर्जा विभाग का कहना है कि दोनों विकल्पों के अन्तर्गत माफ की जाने वाली 100 प्रतिशत अधिभार की पूर्ण राशि एवं माफ की गई मूल राशि का 50 प्रतिशत संबंधित वितरण कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा तथा माफ की गई मूल राशि का शेष 50 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन कर, इसके एवज में वितरण कंपनी को सब्सिडी दी जाएगी।
उपभोक्ता इस योजना का लाभ 15 दिसंबर 2021 तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत कर ले सकेंगे। साथ ही ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अंतिम तिथि तक प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण योजनान्तर्गत अंतिम तिथि से 30 दिवस की अवधि में करना होगा ।
वहीं उपभोक्ता द्वारा योजना की अंतिम तिथि तक आवेदन प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आस्थगित की गई राशि का समावेश कर आगामी माह के बिजली बिल जारी किए जाएंगे। योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी के दावे विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विभाग को प्रस्तुत किये जाए।