नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि ई-नगरपालिका परियोजना का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है। अब विभाग प्रथम चरण से प्राप्त अनुभव के आधार पर इस परियोजना को और बेहतर बनाने तथा समय के साथ अद्यतन होती नवीन सूचना प्रौद्योगिकी की तकनीकों को समाहित करते हुए नागरिकों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से इसके द्वितीय चरण को प्रारंभ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह परियोजना कुल 7 वर्ष के लिये होगी। इसमें 2 वर्ष नवीन पोर्टल के विकास तथा 5 वर्ष पोर्टल के संधारण के लिये होंगे। नवीन परियोजना में कुल 16 मॉड्यूल तथा 24 नागरिक सेवाएँ शामिल होंगी। नगरीय निकायों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिये तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे।
नवीन परियोजना में बेहतर यूजर इंटरफेस, मोबाइल एप आधारित सेवाएँ, वाट्सअप आधारित सेवाएँ, डिजिटल पेमेंट, जीआईएस इंट्रीगेशन, क्लाउड टेक्नालॉजी, कियोस्क मॉडल, सिटीजन ग्रिवियंस, सिंगल विंडो सिस्टम, एमआईएस डेसबोर्ड जैसी अद्यतन तकनीकी व्यवस्थाओं को समाहित किया गया है। साथ ही इसमें नवीन कार्यों तथा नवीन सेवाओं को जोड़ने का प्रावधान रखा गया है। इससे राजस्व और पंजीयन विभाग को भी जोड़ा जायेगा। नगरीय निकायों द्वारा किये जाने वाले खर्चों का भुगतान इसी पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिससे निकायों के आय-व्यय में पारदर्शिता बनी रहती है।
ई-नगरपालिका परियोजना, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने, नागरिकों को सुगमता से जन-सेवाओं की प्रदायगी तथा नगरीय निकायों के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है। वर्तमान में इस परियोजना से प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों को एकीकृत प्लेटफार्म पर जोड़ते हुए न सिर्फ नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है, बल्कि नगरीय निकायों के आंतरिक कार्यों और प्रक्रियाओं को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। देश में मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला प्रथम राज्य है।