मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी जबलपुर डॉ राकेश पहारिया को जिले में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराते हुए शीघ्र निराकरण की संघ ने मांग की है।
संघ ने मांग की है कि कर्मचारियों को आईएफएमआईएस साफ्टवेयर में विकल्प में समयमान एवं ब्रम्हस्वरूप संबंधी जानकारी न होने से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। आधिकांश कर्मचारियों ने जो वर्ष 2000 के पश्चात की ज्वाईनिंग है, को छटवें वेतनमान का विकल्प 1 जनवरी 2006 से प्रस्तुत किया था। इस परिस्थिति में न्यूनतम वेतन 5680 ग्रेड पे 1900 में अनुमोदित किया गया है।
ब्रम्हस्वरूप 1 अप्रैल 2006 से आने की स्थिति में वेतन जस का तस सिर्फ ग्रेड पे 2100 हुई है और इससे कर्मचारियों को 1जुलाई 2006 की वार्षिक वेतनवृद्धि भी साफ्टवेयर में प्राप्त नहीं हुई है, जबकि 2100 ग्रेड पे कि न्यूनतम वेतन 6510 प्राप्त होना चाहिए।
छटवें वेतनमान की भांति ब्रम्हस्वरूप वेतनमान में भी विकल्प का प्रावधान हैं, परंतु कार्यालय में जानकारी का अभाव होने के कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसका लाभ ज्यादातर 1 अप्रैल 2006 से ही बिना विकल्प के प्रदान कर दिया गया है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, आलोक अग्निहोत्री, वीरेन्द्र चंदेल, मनोज सिंह, चूरामन गूजर, तुषरेन्द्र सिंह सेंगर, सतीश देशमुख, नवीन यादव, परशुराम तिवारी, एस पी बाथरे, अनिल दुबे, अशोक मेहरा, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, निशांक तिवारी, दिलराज झारिया, कमलेश कोरी, पंकज जायसवाल, सीएन शुक्ला, रामकृष्ण तिवारी, अमित गौतम, सुधीर गौतम, देवेन्द्र दाहिया, गणेश शुक्ला, कीर्तिमान सिंह, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता आदि ने डीएमओ को समस्याओं से अवगत कराया है। अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जायेगा।