शिवपुरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पुराने संसदीय क्षेत्र गुना-शिवुपरी में एकाएक सक्रियता बढ़ा दी है। इस सक्रियता के बाद अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह लोकसभा चुनाव 2024 लड़ सकते हैं। पिछले कुछ महीनों से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच एकाएक गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से पूर्व में ज्योतिरादित्य सिंधिया चार बार सांसद रहे हैं लेकिन वर्ष 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए उन्हें भाजपा के प्रत्याशी केपी यादव से सवा लाख वोटों से हार मिली थी। इस हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे। गुना-शिवपुरी से वर्तमान में केपी यादव सांसद हैं लेकिन आने वाले दौर में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
इन अटकलों के पीछे कारण यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में अपनी लगातार सक्रियता बढ़ा दी है। 3,4 और 5 फरवरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पुराने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा सांसद खेल महोत्सव के दौरान तीनों जिलों में पहुंचेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों भाग लेंगे।
ज्योतिरादित्य के पुराने संसदीय क्षेत्र में कई कार्यक्रम
शिवपुरी में 3 फरवरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया स्थानीय पोलो ग्राउंड मैदान पर आयोजित सांसद खेल प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण करेंगे। पोलो ग्राउंड में बड़ा कार्यक्रम रखा गया है। इसके अलावा शिवपुरी की पुरानी अनाज मंडी में भी हितग्राही सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भाग लेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह सक्रियता बताती है कि वह पुराने संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं और आने वाले कुछ महीनो में जब लोकसभा चुनाव होंगे तो उनके यहां से चुनाव लड़ने की अटकलें जोर-जोर से चल रही हंै। स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा 3 फरवरी को उनके आगमन को लेकर शहर को सजाया गया है और विभिन्न स्थानों पर उनके समर्थकों द्वारा बैनर पोस्टर से मार्ग को पटा दिया।
अभी कुछ भी कहने से बच रहे सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलें हैं लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभी इस बारे में खुलकर किसी भी तरह की कोई बात नहीं कही है। बीते दिनों केंद्र सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना,शिवपुरी, अशोकनगर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया था। इन यात्राओं के दौरान केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां को जनता को बताया था। इसके अलावा 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लाइव तौर पर शिवपुरी के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में बैठकर देखा था। इस कार्यक्रम में सिंधिया 3 घंटे तक यहां पर मौजूद रहे थे। इस तरह से उनकी गतिविधियां इस ओर इशारा कर रही है कि वह आने वाले दौर में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर सकते हैं।
राजनीतिक उठापटक के बाद बदली थी पार्टी
वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश में हुए राजनीतिक उठापटक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ दिया था और भाजपा का दामन थाम लिया था। बाद में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा से अपना मेंबर बनाया और केंद्र की मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस संसदीय क्षेत्र से बड़ी हार मिली थी। उम्मीद से विपरीत ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने इस पुराने संसदीय क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी नेता भी उनकी हार को लेकर अचंभित थे कि उनके पुराने और पारिवारिक संसदीय क्षेत्र में उनकी हार कैसे हो गई लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी लहर के आगे ज्योतिरादित्य सिंधिया इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी केपी यादव से परास्त हो गए