मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव में इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2021 के लिए नियामक आयोग ने फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) की दर माइनस (-) 7 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित की है।
विद्युत जानकारों का कहना है कि एफसीए की नई दर (-) 7 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है, जबकि इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही 1 जुलाई से 30 सितंबर 2021 तक के लिए एफसीए की दर माइनस (-) 20 पैसे प्रति यूनिट थी। नई दर लागू होने से विद्युत उपभोक्ताओं को 13 पैसे प्रति यूनिट का नुकसान होगा।
विद्युत जानकारों के अनुसार एफसीए की दर जितने माइनस अंकों में होती है, उतनी ही विद्युत उपभोक्ता को उसके बिजली की राशि में छूट मिलती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी उपभोक्ता को पिछली तिमाही में 100 यूनिट बिजली की खपत पर 20 रुपये की छूट मिलती थी, तो अब नई दर लागू होने के बाद उसे सिर्फ 7 रुपये की ही छूट मिलेगी।
यहाँ उल्लेखनीय है कि मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी विद्युत उत्पादन की लागत में वृद्धि होने पर विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एफसीए की दर में वृद्धि करने का प्रस्ताव पेश करती है। विद्युत उत्पादन की लागत कोयले की कीमत, विद्युत उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले स्पेशल ऑइल, परिवहन की लागत और तकनीकी हानि को आधार बनाकर हर तिमाही में रिवाइज की जाती है।