प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में वर्तमान समय में फील्ड पर कार्य करने वाले लाइन कर्मियों की भारी कमी है। खासतौर पर नियमानुसार पोल पर चढ़कर करंट का कार्य करने वाले नियमित लाइन कर्मियों की संख्या उंगली में गिनने योग्य ही बची है। जिसके कारण विद्युत तंत्र के मेंटेनेंस से लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान से संबंधित कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर रीजन में कुछ ऐसे भी मामले सामने आये हैं, जहां फील्ड के कार्यों के लिये नियुक्त किये गये लाइनकर्मियों को कार्यालयीन कार्यों और साहबों के बंगलों में घरेलू कार्यों में उलझा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पूर्व क्षेत्र कंपनी में कुछ समय पहले संविदा महिला लाइन परिचालकों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन इन महिला लाइन परिचालकों से फील्ड का कार्य कराने की बजाये कार्यालयों में नियुक्त कर कार्यालय के कार्य कराये जाने लगे। जबकि सर्वविदित है कि इस समय विद्युत कंपनी में फील्ड पर कार्य करने वाले लाइन कर्मियों की भारी कमी है।
महिला लाइन परिचालकों से कार्यालयीन कार्य कराये जाने पर मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा आपत्ति जताते हुये जबलपुर रीजन के मुख्य अभियंता के संज्ञान में इस मामले को लाया गया था। जिसके बाद सीईजेआर ने अपने अधीन सभी विद्युत कार्यालयों के प्रमुखों को पत्र लिखकर इस बाबत् जानकारी मांगी हैं।
वहीं सूत्रों की मानें तो फील्ड पर तकनीकी कर्मचारियों की कमी होने के बावजूद अनेक लाइन कर्मियों की ड्यूटी साहबों के बंगलों पर लगा दी गई है। जिससे न केवल जमीनी कार्य प्रभावित हो रहे हैं, अपितु तकनीकी कर्मचारी होने के बाद भी घरेलू कार्य कर रहे कर्मी विभागीय कार्यवाही किये जाने के डर से अपनी व्यथा किसी से कह नहीं पा रहे हैं।