अयोध्या में स्थापित होने वाले 180 किलो गोल्ड प्लेट से निर्मित श्रीराम महायंत्र रथ संस्कारधानी जबलपुर आगमन पर नगरवासियों ने भव्य स्वागत किया। यह विशाल रथयात्रा तिरुपति से प्रस्थान कर सिवनी, जबलपुर और देश के विभिन्न शहरों का भ्रमण करते हुए अयोध्या पहुंचेगी। जहां श्रीराम महायंत्र का वैदिक विधि विधान से चालीस दिनों के यज्ञ और अनुष्ठान के बाद इसे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने पिसनहारी की मढ़िया के समीप आयोजित सभा में कांची में गोल्ड प्लेट से निर्मित श्रीराम महायंत्र की भक्तिभाव अगवानी की। श्री राम महायंत्र रथ के आगमन साथ ही सभी लोग रामभक्ति में झूम उठे और संपूर्ण सभास्थल दिव्य चेतना की अनुभूति से सराबोर हो गया। इस दौरान सभा स्थल पर उपस्थित रामभक्तों ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर रथ का स्वागत किया, जय श्रीराम के उद्घोष लगाए और रंगारंग आतिशबाजी भी की
श्रीराम महायंत्र रथ के गौरीघाट पहुंचने के बाद सभी रामभक्तों द्वारा माँ नर्मदा की वैदिक रीति रिवाजों से आरती की गई। इस दौरान की गई आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र रही। तिरूपति से रथ के साथ आये स्वामी रामचंद्रदास महाराज ने कहा कि श्रीराम महायंत्र में श्रीराम बीजाक्षर मंत्र को अभिमंत्रित कर अंकित है। उन्होंने इस अवसर पर श्रीराम बीजाक्षर मंत्र के महत्व की जानकारी भी दी।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से गौरीघाट के पवित्र नर्मदा तट पर उपस्थित पूज्यनीय संतों को नमन किया और संस्कारधानी में उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा और साधु संतों के बलिदान के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में निर्मित भव्य मंदिर में विराजित हुए हैं। जिसके बाद भारत में सभी पवित्र कार्यों का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा अयोध्या नगरी सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित होगी।