इंस्टीट्यूट ऑफ क्वालिटी एन्ड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट सर्विसेस एवं इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस का प्रतिष्ठित कलिंगा सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड 2023 मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना को भुवनेश्वर में आयोजित एक समारोह में दिया गया। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की ओर से यह अवार्ड सेफ्टी ऑफिसर शैलेष चौहान और विल्सन जॉय लाकरा ने ग्रहण किया।
विद्युत गृह को यह अवार्ड लार्ज स्केल इंटरप्राइजेस मेजर इंडस्ट्री केटेगरी में प्रदान किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित यह अवार्ड, उद्योगों में संरक्षा एवं कर्मचारी स्वास्थ्य के क्षेत्र में उच्च मानकों की प्राप्ति पर प्रदान किया जाता है। इसके लिए कर्मचारी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य, स्वच्छ तकनीक (क्लीन टेक्नॉलजी), अपशिष्ट निपटान, जल खपत में कमी आदि की स्पष्ट कसौटी पर मूल्यांकन किया गया था। अवार्ड का उद्देश्य उद्योगों में संरक्षा प्रबंधन एवं जागरूकता के स्तर को ऊंचाई प्रदान करना है।
उल्लेखनीय है कि श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना ने अवार्ड के लिए निर्धारित सेफ्टी (संरक्षा) से संबंधित सभी मापदंडों को सफलातपूर्वक पूर्ण किया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई ने श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के समस्त अभियंताओं और कार्मिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
अवार्ड समारोह में ओडिशा के उप मुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंहदेव, लेसोथो की उच्चायुक्त लेबोहांग वेलेंटीनेव मोचाबा, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उप महावाणिज्य दूत योंग किन, स्विट्जरलैंड के डॉ. एस. ईटीएच मार्क फुएलेमान और जर्मनी के प्रो. कार्ल-हेंज नोएटेल सहित कई देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित थे। कार्यक्रम में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के अलावा विभिन्न श्रेणियों में एनटीपीसी, आईओसीएल, टाटा मोटर्स आदि प्रतिष्ठित संस्थानों को भी पुरस्कृत किया गया।
मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने कहा कि श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह ने सेफ्टी (संरक्षा) के उच्चतम मानकों को बनाए रखने में सफलता हासिल की है और परिणाम स्वरूप इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना को ये पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान संरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ विद्युत परियोजना के भीतर सुरक्षा मानकों में नए मानक स्थापित करने के प्रति सतत् समर्पण को मान्यता देता है।