सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिये तेज गति से वाहन चलाने वालों की आदतों में सुधार लाना आवश्यक है। मध्य प्रदेश में वाहनों की गति को स्पीड लेजर गन से मापा जायेगा। अधिक स्पीड होने पर वाहन चालकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही होगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर ने स्पीड लेजर गन के उपयोग की वर्चुटल ट्रेनिंग सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। पुलिस मुख्यालय में स्पीड लेजर गन के उपयोग संबंधी दो दिवसीय वर्चुअल ट्रेनिंग का आयेाजन किया गया है। डीसी सागर ने बताया कि ट्रेनिंग का समापन मंगलवार 27 जुलाई को होगा।
एडीजी सागर ने बताया कि स्पीड लेजर गन के माध्यम से 100 मीटर तक की दूरी से वाहन की गति, प्रकार और वाहन का नंबर लेजर के माध्यम से ज्ञात किया जा सकता है। स्पीड लेजर गन से तेज गति से वाहन चलाने वालों के विरूद्ध साक्ष्य आधारित कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
वर्चुअल ट्रेनिंग में स्पीड लेजर गन के क्रियान्वयन और उपयोगिता के संबंध में विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग में जिलों के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। उनके द्वारा स्पीड लेजर गन के संबंध में कई प्रश्न किये गये जिनका समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
एडीजी सागर ने बताया कि तेज गति वाहन चलाने के कारण दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। पुलिस मुख्यालय से जिलों को स्पीड लेजर गन प्रदाय की गई है, जिसका उपयोग किया जाकर दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने में आवश्यक मदद मिलेगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये पुलिस द्वारा यातायात के नियमों के पालन के लिये लोगों को अभियान चलाकर निरंतर जागरूक करना आवश्यक है।