मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेन्द्र दुबे ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के लाखों कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने बाध्य हो रहे हैं। केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत कम राज्य के कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है। 15 वर्षो से कर्मचारियों का आवास भत्ता नहीं बढ़ाया गया। 12 माह विलम्ब से वेतन वृद्धि दी गई है, उसका एरियर्स नहीं दिया गया है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने जबलपुर दौरे के समय बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों का भारी शोषण किया जा रहा है। लिपिकों की वेतन विसंगति का सुधार रमेशचन्द्र शर्मा आयोग की अनुशंसा के पश्चात भी नहीं किया जा रहा है।
वहीं सहायक शिक्षकों के पद नाम परिवर्तित नहीं किये जा रहें, कर्मचारियों की पदोन्नति में सरकार अडंगा लगा रही है, जिससे लाखों कर्मचारी बिना पदोन्नति सेवा निवृत हो रहे है जबकि इससे सरकार को वित्तीय भार नहीं आयेगा। पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा।
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, संजय यादव, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, विनोद पोद्दार, सुरेन्द्र जैन, के.पी. दुबे, मुन्नालाल नामदेव, प्रकाश शुक्ला, प्रशांत शुक्ला, नितिन अग्रवाल, नितिन शर्मा, दीपक सोनी, निमीश नेमा ने प्रांतीय अध्यक्ष प्रमोद तिवारी को मांग पत्र सौंपकर तत्काल कर्मचारियों की समस्याओं का निदान करने की मांग की है।