भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुक्रवार को 78वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 10 अधिकारियों की टीम 30 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपह 12 बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 78वें दिन भोजशाला में उत्तरी और पश्चिमी भाग में खुदाई की गई। उत्तरी भाग से खुदाई के दौरान छोटे आकार के पाषाण अवशेष मिले हैं, जिन पर आकृतियां बनी हुई हैं। अभी इनकी सफाई की जानी है। वहीं, पश्चिम क्षेत्र में खेत में भी खुदाई की गई है। इसके अलावा वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और ड्राइंग बनाने का कार्य भी जारी रहा। जो अवशेष मिले थे, उनकी सफाई करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि सर्वे के तहत मिट्टी हटाने का कार्य भी किया जा रहा है। साथ ही भोजशाला के सुंदरीकरण का कार्य भी हो रहा है। इससे कई स्थानों पर लेवलिंग किए जाने से भोजशाला की सुंदरता बढ़ी है। पूर्वी भाग जो बाहरी क्षेत्र है, यहां पर बेहतर स्थिति दिख रही है। उन्होंने बताया कि आज भी सर्वे में कुछ अवशेष मिले हैं। उनकी सफाई करने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी की इस पर आकृतियां किस तरह की हैं। एक दिन पहले मिट्टी हटाने के दौरान 11 पुरावशेष और मिले थे, इन्हें पक्षकारों ने मंदिर के स्तंभों के टुकड़े होने का दावा किया है। अब टीम इन्हें परीक्षण के लिए भेजेगी, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। वहीं एक और दीवारनुमा संरचना पाई गई है, जहां पर अब आगे का काम होगा।
गौरतलब है कि भोजशाला परिसर में शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोग दोपहर 1 से 3 बजे के बीच नमाज अदा करते हैं। एएसआई की ओर से मुसलमानों को नमाज पढ़ने की अनुमति है। वहीं मंगलवार को हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति है। इसी के तहत आज एएसआई की टीम ने दोपहर 12 बजे सर्वे समाप्त कर दिया। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने यहां दोपहर एक से तीन बजे तक जुमे की नमाज अदा की।
शुक्रवार को भोजशाला में सर्वे का 78वें दिन था। यहां 22 मार्च को सर्वे का काम शुरू हुआ था, तब से लगातार बिना एक भी दिन अवकाश के सर्वे किया जा रहा है, जिसे ढाई माह से अधिक समय हो चुका है। भोजशाला में खुदाई में कई छोटे-बड़े अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। इनकी संख्या अब करीब 1450 तक हो गई है।