सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास व उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये आज जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जयति सिंह की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास व अन्य विभागों के संबंधित अधिकारियों के साथ विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों के साथ बैठक की गई।
जिसमें कहा गया कि ऐसे बच्चों को मुख्य धारा में लाने के लिये पहले भी प्रयास किया गया, लेकिन आज भी सड़कों पर बाल भिक्षावृत्ति देखने को मिलती है। अत: इसकी रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाये जायें। जिसमें मुख्य रूप से ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के साथ उनके सर्वांगीण विकास, आधारभूत जीवन उपयोगी सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा ऐसे बच्चों की पहचान कर उपर्युक्त पुनर्वास कर उसकी मॉनीटरिंग कर एक प्रभावी योजना बनाने को कहा। जिसमें बाल भिक्षावृत्ति जैसे सामाजिक कलंक को दूर किया जा सके।
इस दौरान लक्ष्य समूह पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा जिसमें बिना किसी सहयोग के पूर्णत: अकेले रहने वाले बच्चे, ऐसे बच्चे जो दिन में सड़कों पर रहते है तथा रात में परिवार के साथ रहते है, परिवार के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चे, प्रवासी परिवार के बच्चे, दिव्यांग बच्चे, निराश्रत बच्चे व कामकाजी बच्चे, बाल भिक्षुक, कचरा या पन्नी बीनने वाले बच्चों की पहचान सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही उनके सर्वे कर ऐसे बच्चों की मैपिंग करने के निर्देश दिये। बच्चों का रेस्क्यू कर उनके परामर्श एवं अभिलेखीकरण पर भी जोर दिया गया।
बैठक में बाल कल्याण की दिशा में कार्य करने को कहा गया। जिसमें मुख्य रूप से उनकी शिक्षा, चिकित्सा की सुनिश्चित्ता के साथ नशा मुक्ति व बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम पर जोर दिया गया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास गृह सामाजिक न्याय, नगरीय प्रशासन, राजस्व, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति कल्याण, श्रम, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को बाल कल्याण की दिशा में कार्य करनें को कहा। साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां पर बाल भिक्षु व सड़क पर रहने वाले बच्चे अक्सर देखे जाते है उन क्षेत्रों के बारे में भी आवश्यक जानकारी देकर बाल कल्याण के लिये प्रभावी कार्य करने के लिये कहा गया।