यूनाईटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स, पॉवर इंजीनियर्स एवं इंप्लाईज एसोसिएशन तथा मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के आह्वान पर लेकर प्रदेश के 52 जिलों में 70 हजार बिजली कर्मियों और 52 हजार पेंसनर्स की कार्य बहिष्कार हड़ताल जारी है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के ऊर्जा विभाग के अधीनस्थ सभी छः कंपनियों यथा एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड जबलपुर, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर, मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर, मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल, मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जबलपुर एवं मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के कार्मिक अपनी बिजली कार्मिकों की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
इस बीच प्रदेश के लगभग अधिकांश कार्यालयों में कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे, जिससे कोई कार्य नहीं हुए। इस दौरान कर्मचारियों ने फ्यूज काल अटेन्ड नहीं किए, साथ ही कोई मेन्टेनेंस का कार्य भी नहीं हुआ। सभी मुख्यालयों के सामने अधिकारी-कर्मचारी प्रदर्शन और नारेबाजी करते रहे।
बताया जा रहा है कि सरकार और ऊर्जा विभाग की अनदेखी के चलते बिजली कर्मियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, अगर हड़ताल जारी रही तो प्रदेश में हालात बिगड़ सकते हैं और ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो सकती है। वहीं हड़ताल में अन्य कर्मचारी संगठनों को शामिल किए जाने लेकर भी बातचीत जारी है।
इससे पहले ऊर्जा विभाग और कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन वो विफल रही, वहीं आज अभी तक सरकार और ऊर्जा विभाग की ओर से वार्ता किए जाने के कोई संकेत नहीं दिए गए हैं, जिससे बिजली कर्मियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।