मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में 1998 से 2012 के बीच की अवधि में विद्युत कर्मियों की सामान्य मृत्यु के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिये मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ ने कमर कस ली है और इसके लिये रविवार को एक अतिआवश्यक बैठक आयोजित की गई है, जिसमें विशेषज्ञ अधिवक्ता को भी आमंत्रित किया गया है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अनुकंपा आश्रितों की एक अतिआवश्यक बैठक रविवार 3 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे मध्य प्रदेश पत्रोपाधि अभियंता संघ कार्यालय शेड नंबर-13 में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में वर्ष 1998 से 2012 तक के अनुकंपा आश्रित परिवार के एक सदस्य से शामिल होने की अपील की गई है।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों के द्वारा समय-समय पर अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित अनेक आदेश जारी किये गये। जिससे वर्ष 1998 से 2012 तक की अवधि में मृत हुये विद्युत कर्मियों के आश्रितों के लिये कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति के रास्ते बंद हो गये। संघ द्वारा अनुकंपा नियुक्ति लगी रोक को हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि संघ के द्वारा आयोजित इस बैठक में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता को भी आमंत्रित किया गया है। संघ के रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके मोर्या, एसके शाक्य, मोहन दुबे, जेके कोस्टा, अजय कश्यप, राजकुमार सैनी, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, सुरेंद्र मेश्राम आदि ने अनुकंपा आश्रितों से 3 अक्टूबर को 12 बजे आयोजित इस बैठक में शामिल होने की अपील की है।