मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में 1998 से 2012 के बीच की अवधि में विद्युत कर्मियों की सामान्य मृत्यु के प्रकरणों में मृत विद्युत कर्मी को आज तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है।
मध्य प्रदेश सरकार और विद्युत कंपनियों की तानाशाही के खिलाफ और अनुकंपा नियुक्ति पर लगी रोक हटाकर अनुकंपा आश्रितों के हक़ के लिये मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ ने न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया है।
इसी तारतम्य में आज रविवार को मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव, केएन लोखंडे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र मेश्राम, आजाद सकवार ने अनुकंपा नियुक्ति से वंचित अनुकंपा आश्रितों को उनका हक दिलाने के लिए विचार-विमर्श हेतु एक बैठक का आयोजन किया।
इस बैठक में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिलाष डे एवं बड़ी संख्या में अनुकंपा आश्रित भी उपस्थित रहे। अधिवक्ता अभिलाष डे के द्वारा अनेक अनुकंपा आश्रितों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए गए। बैठक में उपस्थित सभी ने एकमतेन निर्णय लिया कि अनुकंपा नियुक्ति को लेकर तकनीकी कर्मचारी संघ शीघ्र ही न्यायालय की शरण में जाएगा।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि मध्य प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के अनुकंपा आश्रित अपनी-अपनी जानकारी लेकर संघ के प्रधान कार्यालय में आकर दें, जिससे न्यायालय की शरण में जाया जाए।