मध्य प्रदेश में शिक्षा कर्मी योजना के तहत वर्ष 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग, जिन्हें एक ही पद पर सेवायें देते हुए 24 वर्ष पूर्ण हो चुके है। उन्हें क्रमोन्नति योजना के तहत द्वितीय क्रमोन्नति की पात्रता बनती है। किन्तु शिक्षा विभाग द्वारा 24 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी आज दिनांक तक क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने संबंधी प्रस्ताव संकुल प्राचार्यों से नहीं मांगी गई है।
मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त महामोर्चा के प्रदेश संरक्षक पं. योगेन्द्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष मनोज सेन ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति योजना के लाभ से वंचित रखना चाहता है। शासन द्वारा अध्यापकों की द्वितीय क्रमोन्नति पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी के चलते अध्यापक द्वितीय क्रमोन्नति के लाभ से वंचित है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, मनोज सेन, मनीष चौबे, अजय सिंह ठाकुर, सुनील राय, विनय नामदेव, श्याम नारायण तिवारी, आदित्य दीक्षित, कृष्णकांत यादव, विष्णु पाण्डेय, श्यामसुंदर तिवारी, हरि सिंह राजपूत, सुरेन्द्र झारिया, विवेक तिवारी, अनिल बालोटिया, विनोद पटेल, प्रियांशु शुक्ला, महेश कोरी, पवन ताम्रकार, के. के. प्रजापति, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी आदि ने आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल से मांग की है कि अध्यापकों को द्वितीय क्रमोन्नति योजना का लाभ दिया जावें।