प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में खरीदी जा रही विद्युत सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, कंडक्टर, केबिल, बिजली मीटर की गुणवत्ता की जाँच अब समय पर हो सकेगी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि इस कार्य के लिए प्रदेश में 10 एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया है कि देश में पहली बार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्णतः ऑटोमेटिक परीक्षण प्रयोगशाला मध्य प्रदेश में स्थापित की जा रही हैं। यह कार्य आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश योजना में सम्मिलित है।
तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के सभी क्षेत्रीय भंडारों में यह लैब स्थापित की जा रही हैं। मध्य क्षेत्र में भोपाल, गुना एवं ग्वालियर, पूर्व क्षेत्र में जबलपुर, सागर, सतना, छिंदवाड़ा, छतरपुर और पश्चिम क्षेत्र में इंदौर तथा उज्जैन में लैब स्थापित की जा रही है। पहले चरण में भोपाल इंदौर एवं जबलपुर में और दूसरे चरण में शेष 7 स्थानों पर लैब स्थापित की जा रही हैं। प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। भोपाल एवं इंदौर शहर में स्थापित लैब के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त हो गई है। इसी महीने में जबलपुर में स्थापित लैब को भी यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी।
इन प्रयोगशालाओं के शुरू होने से जहाँ एक ओर वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत सामग्री के परीक्षण के लिए सीपीआरआई एवं एरडा सहित अन्य प्रयोगशालाओं में दिए जा रहे शुल्क की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर समय पर शत-प्रतिशत ऑटोमेटिक परीक्षण होने से विद्युत सामग्री एवं उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे फीडर ट्रिपिंग और विद्युत सामग्री खराब होने के कारण हो रहे विद्युत अवरोध में कमी आयेगी। साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं सुचारु विद्युत आपूर्ति में सहायता मिलेगी।