मध्य प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के लिए संविदा नीति कैबिनेट में 5 जून 2018 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई थी, परंतु एनएचएम के संविदा कर्मचारियों के लिए आज तक संविदा नीति लागू नहीं की गई। शासन द्वारा कई बार नीति लागू करने का सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, परंतु नीति को अमल में नहीं लाया जा रहा है।
जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति की मांग है कि शासन के विभागों के रिक्त पदों पर संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित पदो के विरूद्ध 90 प्रतिशत वेतन प्रदान किया जावे एवं एनएचएम के विभिन्न पदों को जो आउटसोर्स के माध्यम से कार्य कर रहे हैं उन्हें भी एनएचएम में लिया जाये। संविदा कर्मचारी संघ उक्त मांगों के समर्थन में व्यापक हडताल करने का जा रहा है। इस हड़ताल का मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी महामोर्चा एवं जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति द्वारा समर्थन किया जायेगा।
संघ के उदित भदौरिया, प्रमोद तिवारी, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, मनोज सेन, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, परशुराम तिवारी, कुलदीप पटेल, शैलेष गौतम, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, जवाहर लोधी, नवीन यादव, अशोक मेहरा, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, रितुराज गुप्ता, अनिल दुबे, शैलेन्द्र दुबे, अतुल पाण्डे आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से ईमेल कर मांग की है कि संविदा कर्मचारियों को जल्द से जल्द नियमित कर्मचारियों के समान लाभ प्रदान किया जाये।