Monday, March 10, 2025

बिजली अधिकारियों की तानाशाही से केवाईसी के लिए लाईनमैन और उपभोक्ताओं के बीच उपज रहा विवाद

मैदानी बिजली अधिकारियों के द्वारा लाईनमैनों को उपभोक्ताओं की केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करने का कार्य सौंप दिया गया है। पहले से ही अत्याधिक कार्य के बोझ में दबे लाइनमैन इस नई जिम्मेदारी के कारण मानसिक रूप से बेहद परेशान हो रहे हैं।

इस संबंध में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली अधिकारियों के तुगलकी आदेश के बाद जब लाइनमैन केवाईसी की प्रक्रिया करवाने उपभोक्ताओं के घर जाकर उनके बैंक खाते की जानकारी मांगते हैं तो उपभोक्ता लाइनमैन अविश्वास जताते हुए निजी और बैंक की जानकारी देने से मना कर देते हैं।

लाइनमैन जब केवाईसी की प्रक्रिया को आवश्यक बताते हुए अधिकारियों के द्वारा दिए गए आदेश की बात कहता है तो उपभोक्ता बहस करते हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि हम अपना बैंक खाता नंबर क्यों दें? अगर हमारे बैंक खाते में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई और इसका दुरुपयोग किया गया या उसे बैंक खाते से ज्यादा पैसे निकाल लिए गए तो उसका जवाबदार कौन होगा?

वहीं लाइनमैन जब उपभोक्ताओं से कहता है कि आप स्वयं जाकर विद्युत विभाग के ऑफिस में केवाईसी करा लो तो उपभोक्ता लाइनमैन की ये बात भी मानने को तैयार नहीं होता और न ही लाइनमैन को बैंक खाते की जानकारी देता है। लेकिन लाइनमैन इससे भी ज्यादा परेशान तब होता है जब तानाशाह बिजली अधिकारी लाइनमैन की बात समझने की बजाए उसपर ही कार्य न करने और लापरवाही का आरोप मढ़ देते हैं।

हरेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि बिजली कंपनी प्रबंधन और अधिकारी पहले मीडिया के माध्यम से उपभोक्ताओं को जागरूक करें, इसके बाद केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कराए, क्योंकि जब उपभोक्ता इस विषय में जागरूक होगा, तभी वो बिना किसी सवाल के केवाईसी पूर्ण कराएगा। लेकिन बिजली कंपनी के उच्च शिक्षित अधिकारी मामले की गंभीरता को समझने की बजाए लाइन कर्मियों को दोषी ठहरा कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की धमकी दे देते हैं। 

हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि मैदानी ड्यूटी कर जब लाइन कर्मी ऑफिस पहुंचता है तो अधिकारी पूछते हैं कि किन-किन उपभोक्ताओं के बैंक खाते की जानकारी लेकर आए हो, किन उपभोक्ताओं की केवाईसी पूरी कारवाई है। एक ओर लाइन कर्मी जहां दिन भर उपभोक्ताओं की केवाईसी के लिए परेशान रहता है, वहीं दूसरी ओर ऑफिस आने पर अधिकारी भी उसे परेशान करते हैं। 

संघ के एसके शाक्य, एसके मौर्य, पीएन मिश्रा, शशि उपाध्याय, केएन लोखंडे आदि ने मांग की है कि तत्काल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाए, ताकि वे बिना किसी शंका एवं आशंका के केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करने अपनी निजी जानकारी बिजली कंपनी के साथ साझा कर सकें।

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