रिवेम्प्ड ड़िस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत मालवा और निमाड़ क्षेत्र में बिजली वितरण क्षमता बढ़ाने, लॉस कम करने के लिए सतत कार्य किए जा रहे हैं। अब तक करीब 5500 किमी लंबाई में लाइन, केबल का कार्य किया गया हैं। 4800 वितरण ट्रांसफार्मर भी स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि इस योजना से उपभोक्ता सेवाओं में बढ़ोत्तरी, आपूर्ति में गुणात्मक सुधार की स्थिति बन रही हैं।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम में 565 ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगा दिए गए हैं। इंदौर शहर के सिरपुर, मालवा मिल, सुखलिया इत्यादि में 20 किमी नई अंडरग्राउंड केबल स्थापित की गई है। मालवा और निमाड़ के इंदौर व उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों में 4800 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। इन ट्रांसफार्मरों से किसानों, घरेलू, व्यापारिक क्षेत्रं के अलावा उद्योगों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में भी सुधार एवं बढ़ोत्तरी हुई हैं।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि 1136 किमी में घरेलू से पृथक कृषि लाइन स्थापित की गई हैं। दो हजार किमी की एलटी केबल स्थापित की गई है। इससे विद्युत अवरोध, ट्रिपिंग एवं अन्य शिकायतें घटी हैं। 1300 किमी के तार यानि कंडक्टर की क्षमता बढ़ाने के कार्य हुए हैं। करीब एक हजार किमी की लाइन फीडर विभक्तिकरण, एक दूसरे से जोड़ने के लिए स्थापित की गई हैं।
प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि अब तक आरडीएसएस में 33/11 केवी के नए 49 ग्रिड तैयार हो चुके हैं। इनसे बिजली वितरण जारी हैं। वहीं इस योजना में 70 पुराने ग्रिडों का रेनोवेशन कार्य किया गया हैं। 15 किमी की सर्विस केबल स्थापित की गई हैं। उन्होंने बताया कि इन कार्यों पर अब तक 600 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय हुई हैं।