मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विगत लगभग पांच वर्षों से सहायक अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों की जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा हर वर्ष आधी-अधूरी अंतरिम सूची कर दी जाती है, किन्तु दावे आपत्तियां प्राप्त कर अंतिम वरिष्ठता सूची जारी नहीं की जाती है।
इस वर्ष 1 अप्रैल 2022 की स्थिति में तो जबलपुर के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अनियमितताओं की सारी हदें पार करते हुए, वरिष्ठता सूची में स्नातक, स्नात्कोत्तर एवं व्यवसायिक योग्ता बी.एड/डी.एड के कालम के साथ-साथ अंतर्निकाय संविलियन, जिले में स्थानांतरित होने का दिनांक आदि के कालम गायब कर दिये गये हैं, जो समझ के परे है, अंतरिम सूची में 30 जुलाई 1998 से नियुक्ति शिक्षा वर्तमान अध्यापक की वरिष्ठता सूची में 1996 से नाम जोड़ दिये गये। इस सूची के आधार पर वरिष्ठ कार्यालय स्तर से कैसे पदोन्नति अथवा क्रमोन्नति वेतनमान के आदेश जारी होंगे? यह सूची महज खाना पूर्ति है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरामन गुर्जर, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, प्रशांत श्रीवास्तव, शाहिल सिद्दीकी, गोविन्द विलथेर, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, विवेक तिवारी, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर आदि ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री से ईमेल भेजकर मांग की गई है कि सहायक अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों की पुरानी अंतरिम वरिष्ठता सूची निरस्त करते हुए संशोधित अंतरिम वरिष्ठता सूची जारी की जाए तथा इस अनियमितता के लिए दोषी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।