Friday, February 21, 2025
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केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री के साथ हुई मंत्री समूह की पहली बैठक, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दी विभाग की उपलब्धियों की जानकारी

केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक की अध्यक्षता में मंत्री समूह की पहली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गयी। मंत्री समूह में मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उत्तर प्रदेश के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, आन्ध्र प्रदेश के मंत्री गोट्टिपती रवि कुमार, राजस्थान के मंत्री हीरालाल नागर, तमिलनाडु के मंत्री थिरु.वी. सेन्थीबालाजी और महाराष्ट्र की मंत्री श्रीमती मेघना दीपक शामिल हुईं। सचिव ऊर्जा पंकज अग्रवाल भी बैठक में उपस्थित थे।

बैठक में ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ 80 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं और प्रति व्यक्ति विद्युत खपत लगभग 1283 यूनिट है। प्रदेश की कुल उपलब्ध क्षमता 23 हजार 789 मेगावॉट है। इसमें नवकरणीय विद्युत क्षमता 7 हजार 100 मेगावॉट है। दिसम्बर माह में प्रदेश की अधिकतम माँग 19 हजार 72 मेगावॉट की सफलतापूर्वक पूर्ति की गयी। प्रदेश में लगभग 35 लाख कृषि उपभोक्ता हैं। इनका प्रदेश की जीडीपी में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान है। लगभग 60 प्रतिशत उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत हैं।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के महत्वाकांक्षी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा फ्लेक्सी प्लॉन के माध्यम से कृषि क्षेत्र की ऊर्जा माँग को दिन के समय सस्ती सौर ऊर्जा से पूर्ति के प्रयास किये जा रहे हैं।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि प्रदेश में लगभग 13 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। अधोसंरचना विकास के साथ ही उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि के लिये पर्याप्त मानव संसाधन बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही जन-संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया है। राज्य सरकार द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही हैं। इससे प्रदेश के सभी अंचलों में औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। परिणाम स्वरूप बिजली कम्पनियों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार होगा।

उल्लेखनीय है कि मंत्री समूह का गठन वितरण कम्पनियों के संचित ऋणों और घाटे की स्थितियों को सुधारने, बिजली के क्षेत्र में निवेश की आवश्यकताओं को पूरा करने जैसे विषयों पर चर्चा करने और उपाय सुझाने के लिये किया गया है।

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