Wednesday, February 19, 2025
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एफआईआर से नाम हटाने के लिए प्रधान आरक्षक ले रहा था 15 हजार रुपये रिश्वत, लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

सीधी (हि.स.)। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचारी सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में अब सीधी जिले में एक प्रधान आरक्षक 15 हजार रुपये की रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाया है। सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के खड्डी खुर्द गांव में प्रधान आरक्षक बृजेश तिवारी ने एफआईआर से नाम हटाने के लिए आवेदक से 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत मिलने के बाद रीवा लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शुक्रवार की आधी रात को प्रधान आरक्षक के घर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया।

लोकायुक्त पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गत 21 दिसंबर को दिवाकर द्विवेदी और शैलेंद्र तिवारी के बीच जमीन को लेकर हुए विवाद में मारपीट हुई थी। इस दौरान केवल एक पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में दिवाकर द्विवेदी के बेटे और भांजे का नाम भी शामिल है। दिवाकर कई बार चौकी पहुंचकर जो लोग इस मारपीट में शामिल नहीं थे, उनके नाम कटवाने की अपील कर रहे थे।

एफआईआर से उनके नाम हटाने के लिए प्रधान आरक्षक बृजेश तिवारी द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही थी। दिवाकर द्विवेदी ने इस घटना की शिकायत लोकायुक्त पुलिस रीवा से की। इसके बाद लोकायुक्त ने शुक्रवार देर रात करीब 11:30 बजे कार्रवाई करते हुए प्रधान आरक्षक को दिवाकर के घर के बाहर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

लोकायुक्त के कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधान आरक्षक ने आवेदक से 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। सत्यापन के बाद कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते हुए प्रधान आरक्षक को रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

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