मुरैना (हि.स.)। करीब एक महीने से लापता वनकर्मी के मामले में अब नया मोड आ गया है। पुलिस को उसका मोबाइल एक चरवाहे के पास मिला है। उस चरवाहे को वनकर्मी घायल हालत मे मिला था। वह दर्द से कराह रहा था, पानी मांग रहा था, लेकिन चरवाहे उसे पानी नहीं पिलाया न ही उसकी मदद की, बल्कि उसका मोबाइल देखकर ईमान डगमगा गया और उसे गंभीर हालत मे छोड़कर उसका मोबाइल लेकर भाग आया। घटनास्थल से करीब 10 मीटर दूर नदी है। अब पुलिस का अनुमान है कि हो सकता है उसे मगर निगल गए हो। फिलहाल एसडीआरएफ की टीम नदी मे उसे तलाश कर रही है।
मूलत: भिंड का रहने वाला वनकर्मी सलीमउद्दीन की अंबाह के नगरा परिसीमा पर गिद को गिनने की ड्यूटी थी। करीब एक महीने पहले वह अचानक लापता हो गया। वन विभाग की टीम और उसके घरवालों ने उसे तलाश किया, लेकिन वह मिल नहीं रहा था। इसके बाद परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज करा दी। उसका मोबाइल भी गायब था। उसका पता लगाने के लिए पुलिस ने मोबाइल ट्रेस कर रही थी। अचानक वह मोबाइल चालू हुआ तो पुलिस के कान खड़े हो गए। पुलिस ट्रेस कर साहसपुरा पहुंच गई। वहां एक चरवाहा बघेल उस मोबाइल को चला रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ा तो वनकर्मी की पूरी कहानी सामने आई। इसे चरवाहे की अमानवीयता ही कहा जाएगा कि बुजुर्ग वनकर्मी को दर्द से कराहते हुए और प्यास बुझाने के लिए मांग करने पर उसका दिल नहीं पसीजा। अगर वह मदद कर देता उसे छोड़कर नहीं आता तो शायद वह बच जाता। अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है।
चरवाहा वनकर्मी का मोबाइल लेकर आया और उसे छप्पर में छुपाकर रख दिया। करीब एक महीने बाद उस मोबाइल की सिम को निकालकर उसने अपनी सिम डालकर चालू कर दिया। जैसे ही मोबाइल चालू हुआ तो पुलिस को लोकेशन मिल गई और उस चरवाहे को पकड़ लिया।
रवि भदौरिया, एसडीओपी का कहना है कि, वनकर्मी का मोबाइल एक चरवाहे के पास मिला है। वनकर्मी घायल हालत में उसे मिला था। वह पानी मांग रहा था, लेकिन चरवाहे ने उसकी मदद नहीं कि उसे वहीं छोड़कर उसका मोबाइल लेकर भाग आया था। फिलहाल चरवाहे पर कार्रवाई की जा रही है।