मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। इसी कड़ी में आज शाजापुर में 20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 बिस्तरीय मातृ-शिशु चिकित्सालय का लोकार्पण किया गया है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस चिकित्सालय में जच्चा और बच्चा को उच्च स्तरीय सेवाएँ मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शाजापुर में मातृ-शिशु चिकित्सालय का लोकार्पण कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शाजापुर जिले के विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जायेगी। जिले में नर्मदा जी का जल आ चुका है। अब पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना का लाभ भी शाजापुर को मिलेगा। परियोजना से 13 जिले लाभान्वित होंगे। किसानों को 24 घंटे पानी और बिजली की उपलब्धता मिलेगी, जिससे जिले में फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने शाजापुर की उप तहसील मक्सी को तहसील बनाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय परिसर में पौधा भी रोपा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए ही सरकार बनी है। किसान अपने पराक्रम से फसलों का उत्पादन करता है। शाजापुर में आलू-प्याज खरीदने के लिए पूरे देश के लोग आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन के बाद लगातार प्रयास किया है कि प्रदेश में किसानों को लाभ मिले और इस दिशा में किसानों ने अपनी उत्पादकता भी अच्छी बढ़ाई है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में रोजगार के संसाधन बढ़ाए जायें, इसके लिए औद्योगिक विकास की भी आवश्यकता है। औद्योगिक विकास दर बढ़ाने के लिए उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शाजापुर में कृषि आधारित फूड इंडस्ट्री भी लगाई जायेगी।
प्रदेश में कृषि उत्पादकता तो बहुत अच्छी हो गई है, अब प्रदेश में रोजगार स्थापित करने के लिए औद्योगिक उत्पादकता में भी वृद्धि लाना है। विगत दिनों उज्जैन में संपन्न हुई इन्वेस्ट समिट में संभाग के साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास पर भी चर्चा हुई। तमिलनाडु के उद्योगपतियों से भी चर्चा हुई है और उनसे प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आग्रह किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शाजापुर में कृषि आधारित फूड इंडस्ट्री लगाने की घोषणा की, इससे किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिलेगा और यहां के उत्पाद देश-विदेश में भी जायेंगे, जिससे क्षेत्र में किसानों की उन्नति होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति दुनिया की श्रेष्ठ संस्कृति है। हमारी अच्छाई हम दुनिया में बांटने के लिए निकले हैं। हमारे तीज-त्यौहार घर में मनाने के लिए नहीं है। प्रत्येक तीज त्यौहार समाज के साथ सबके बीच आनंद महसूस करते हुए मनाए जाने की जरूरत है। हमने इसकी परंपरा प्रारंभ की है। सावन के माह में रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों के लिए राज्य सरकार 10 अगस्त को सिंगल क्लिक से प्रदेश की 1 करोड़ 39 लाख बहनों के खाते में प्रतिमाह मिलने वाले 1250 रूपये के अतिरिक्त 250 रूपये उपहार स्वरूप प्रदान करेगी। इसके लिए प्रदेश के 25 हजार से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनेक कदम उठाएं जा रहे हैं। महिलाओं को सभी क्षेत्रों में भागीदारी देने के प्रयास जारी हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास के लिए भी केन्द्र सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। हमारे यहां गुरू-शिष्य की परंपरा है। गुरू शिष्य को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाता है। हमारी संस्कृति विश्वगुरू के नाम से दुनिया में जानी जाती है। किसी देश पर कब्जा करने का हमारा इतिहास नहीं है। हमारा अच्छाई बांटने का इतिहास है। हजारों वर्ष पूर्व हमारे देश में तक्षशिला, नालंदा जैसे अनेक विश्वविद्यालय थे, जो मानवता के लिए जाने जाते हैं। भगवान कृष्ण ने उज्जैन में शिक्षा प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र को विकास का मॉडल बनाये। उन्होंने कहा कि बजट साढ़े तीन लाख करोड़ रूपये का है, इसे 5 साल में बढ़ाकर 7 लाख करोड़ का करना है। विकास के मामले में लगातार आगे बढ़कर देश में मध्यप्रदेश को अग्रणी बनाया जायेगा।