जाबालि ऋषि जिनके के नाम के आधार पर जबलपुर को पहचाल मिली उन्हीं ऋषि की मूर्ति नर्मदा के तट पर स्थापित होगी। जाबालि ऋषि की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा विश्व में पहली बार हो रही है। यह मूर्ति न्यू भेड़ाघाट रोड स्थित श्री परमहंस आश्रम चन्द्रलोक ग्राम लम्हेटी में 2 मई को स्थापित होगी।
जाबालि ऋषि के साथ काशी महाराज चंद्र लोक आश्रम लम्हेटी की मूर्ति भी स्थापित उनके प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर होगी। लम्हेटा घाट के श्री सत्गुरू परम हंस स्वामी जी दोनों मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
ऐसा माना जाता है कि जाबालि ऋषि ने नर्मदा के तट पर तपस्या की थी। यह स्थान त्रिशूल भेद के निकट है और इसे इन्द्र गया के नाम से भी पहचाना जाता है। काशी महाराज श्री भगवान परमहंस आश्रम धारकुंडीय सतना के अनुयायी थे। श्री परमहंस आश्रम चन्द्रलोक ग्राम लम्हेटी नर्मदा परिक्रमावासियों की अनवरत आवास व भोजन व्यवस्था करने के लिए प्रसिद्ध है।
गुरुवार 2 मई को प्रात: 8 से संध्या 7 बजे तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम में श्री परमहंस आश्रम चन्द्रलोक के समस्त भाविक जन सहित बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित होंगे।