मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा 16 सितंबर 2023 को भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्युत कंपनियों के 302 नियमित लेखा अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता वितरण एवं कनिष्ठ अभियंता सिविल आदि को नियुक्ति सौंपे गए।
सरकार के द्वारा बिजली कंपनियों में नियमित पदों पर भर्ती किए जाने का स्वागत करते हुए हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि विद्युत कंपनियों में करंट का कार्य करने वाले लाइनमैन, सहायक लाइनमैन, हेल्पर सहित नियमित कर्मियों के 50 हज़ार पद लगभग 15 वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं। प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निर्बाध रूप से चलायमान रखने के लिए नियमित लाइनमैनों की अत्याधिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विद्युत कंपनियों के प्रबंधनों के द्वारा ठेकेदरों के माध्यम से मैनपॉवर की कमी पूरी की जा रही है। कंपनी प्रबंधन के द्वारा ठेकेदारों के माध्यम के नियुक्त किए गए आउटसोर्स कर्मियों से नियमविरुद्ध जोखिमपूर्ण करंट का कार्य कराया जा रहा है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है, जिसके चलते हजारों परिवार उजड़ गए हैं।
जोखिमपूर्ण करंट का कार्य कराए जाने से पहले आउटसोर्स कर्मियों का न 20 लाख का बीमा किया गया और न ही घायल होने पर इलाज के लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की कोई सुविधा दी गई है। वहीं आउटसोर्स कर्मियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति देने का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया और न ही उनके और उनके परिवार का जीवन सुरक्षित रखने के लिए कोई नीति बनाई गई है।
संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, रतिपाल यादव, राम केवल यादव, रमेश रजक, केएन लोखंडे, राजकुमार सैनी, एसके मौर्य, अजय कश्यप, मोहन दुबे, विनोद दास, अमीन अंसारी, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, पवन यादव, राहुल मालवीय, शिव राजपूत, नितिन गावंडे, शंकर यादव, संदीप दीपंकर आदि ने मांग की है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व आउटसोर्स कर्मियों की महापंचायत बुलाकर उनका जीवन सुरक्षित रखने के लिए मानव संसाधन नीति बने जावे और सभी आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन किया जाए।