मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विगत दिनों प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में नई संविदा नीति 2023 लागू किए जाने की घोषणा की थी और ऊर्जा विभाग ने इस संबंध आदेश भी जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि एमपी सरकार की ये नई संविदा नीति संशोधन के बाद राज्य शासन के सभी विभागों में लागू कर दी गई है।
जानकारों का कहना है कि नई संविदा नीति के बिंदु क्रमांक सात के उपबिंदु 7.3 के अनुसार नई संविदा नीति में संविदा कार्मिकों के लिए ग्रेडिंग का प्रावधान किया गया है, जो कि कार्मिकों के शोषण का माध्यम बन सकता है, साथ ही मूल्यांकन ग्रेडिंग बढ़ाने में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, इससे सक्षम प्राधिकारी अनुचित लाभ की मंशा से संविदा कार्मिक पर दबाव बना सकते हैं।
इस संबंध में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के संविदा कार्मिकों को नियमित कर्मचारियों की भांति ही लाभ दिए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन नई संविदा नीति में ये नहीं दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि नई संविदा नीति के कुछ बिंदुओं का विरोध किए जाने पर सरकार ने संशोधन की बात कही थी, लेकिन संशोधन के बाद अब ग्रेडिंग का प्रावधान किया गया है, जो संविदा कार्मिकों के शोषण का कारण बन सकता है और इसमें जो मूल्यांकन के बाद ग्रेडिंग की श्रेणी बनाई गई है, इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, सरकार को तत्काल इस प्रावधान को खत्म कर, संविदा कार्मिकों को पूरी तरह नियमित कर्मचारियों की तरह ही लाभ दिए जाने चाहिए।