मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि माह अप्रैल 2021 से 10 जून 2021 तक शासन द्वारा शालाओं में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित है। उक्त अवकाश अवधि में जनता कर्फ्यू भी लागू है, जिसमें केवल अति आवश्यक सेवा प्रदाता विभाग ही अपनी सेवायें दे रहे हैं।
इसी अवधि में कुछ चुनिन्दा शिक्षकों को कोविड कंट्रोल रूम में अपनी सेवायें देने हेतु आदेशित किया गया है। जिन शिक्षकों की कोरोना कंट्रोल रूम में डयूटी लगाई गई है, उनमें से अधिकतर अधिक उम्र के महिला एव पुरूष शिक्षक दोनों हैं, इनमें से कुछ शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, कुछ शिक्षकों की डयूटी मुख्यालय से 40 से 50 किमी दूर लगाई गई है।
उक्त कारणों के अतिरिक्त स्वयं अथवा परिजनों के कोरोना संक्रमण से पीडित होने के कारण वह अपने कतर्व्ययों पर उपस्थित नहीं हो सके। शिक्षकों द्वारा पर्याप्त कारण दर्शाते हुए ड्यूटी से मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन से निवेदन किया गया, किन्तु प्रशासन की हठधर्मिता के कारण ग्रीष्मावकाश अवधि मे वेतन रोकने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। शासन का शिक्षकों के प्रति दोहरा मापदण्ड असंवेदनशील है, जिसकी संगठन निन्दा करता है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मुन्ना लाल पटैल, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, डॉ संदीप नेमा, नितिन अग्रवाल, तरूण पंचौली, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, मनीष लोहिया, विजय कोष्टी, सुदेश पाण्डे, संतोष तिवारी, नितिन शर्मा, प्रियांशु शुक्ला, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, महेश कोरी आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है की शासन द्वारा घोषित ग्रीष्मावकाश अवधि में किसी भी शिक्षक का वेतन न रोका जाये।