Friday, December 27, 2024
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एमपी की दो छात्राओं ने नीट-यूजी के परीक्षा परिणाम पर उठाए सवाल, पहुंची हाईकोर्ट

भोपाल (हि.स.)। देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुए नेशनल इलिजिबिल्टी कम एंट्रेस टेस्ट फॉर यूजी (नीट-यूजी) के परीक्षा परिणामों पर मध्य प्रदेश की दो छात्राओं ने रिजल्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने नीट-यूजी कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के परिणाम को गलत ठहराते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इनमें एक छात्रा भोपाल की है और दूसरी जबलपुर की है। भोपाल की छात्रा ने आंसर से मिलान के बाद अंकसूची में कम नंबर देने का आरोप लगाया है।

भोपाल के कोलार रोड स्थित ग्राम देहरी कलां में रहने वाली छात्रा निशिता सोनी ने शनिवार को बताया कि नीट-यूजी की परीक्षा पांच मई को हुई थी। बीते दिनों एनटीए ने जब परिणाम घोषित किया, तो नीट-यूजी के स्कोर कार्ड में सिर्फ 340 नंबर मिले। एनटीए ने 25 दिन बाद आंसर-की और रिस्पोंड शीट ईमेल पर भेजी। रिस्पोंड शीट स्टूडेंट द्वारा एग्जाम हॉल में जमा की गई आंसर शीट की स्कैन कॉपी होती है। इसका मिलान जब एनटीए से जारी आंसर-की से किया गया तो 617 नंबर मिले हैं, लेकिन रिजल्ट में 340 अंक ही आए। इससे कन्फर्म हो गया था कि नीट-यूजी से इस साल सरकारी अथवा प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग से एमबीबीएस सीट अलॉट हो जाएगी।

मप्र हाईकोर्ट में निशिता की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता एडवोकेट बृजेन्द्र मिश्रा ने बताया कि निशिता सोनी की याचिका हाईकोर्ट में रजिस्टर हो गई है। इस पर वैकेशन बैंच सुनवाई करेगी। अलगे हफ्ते हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हो सकती है।

वहीं, नीट-यूजी के परिणाम को जबलपुर की छात्रा अमीषी वर्मा ने भी हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनकी पिटीशन पर सोमवार को सुनवाई होगी। अमीषी की ओर से दायर पिटीशन में नीट परीक्षा एग्जाम में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। पिटीशन में एक कोचिंग सेंटर के आठ छात्रों के नाम और रोल नंबर एक समान होने का जिक्र है। बताया कि सभी आठ छात्रों को परीक्षा में 100 फीसदी अंक मार्क्स मिले हैं। वहीं अमीषी को 720 में से 615 मार्क्स मिले हैं।

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