Saturday, January 4, 2025
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मध्य प्रदेश के दो पैरालंपिक खिलाड़ी जबलपुर की रूबीना फ्रांसिस और सीहोर के कपिल परमार को अर्जुन अवार्ड

मध्य प्रदेश के दो पैरालंपिक खिलाड़ी सुश्री रूबीना फ्रांसिस और श्री कपिल परमार ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। दोनों खिलाड़ियों को भारत के प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार “अर्जुन अवार्ड’’ से सम्मानित किया जायेगा। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस बड़ी उपलब्धि पर दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है। दोनों खिलाड़ियों की लगन, मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस राष्ट्रीय पुरस्कार को हासिल करने के काबिल बनाया है। श्री सारंग ने कहा कि उनकी यह उपलब्धि हमारे अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगी।

उल्लेखनीय है कि रुबीना जबलपुर की रहने वाली है और कई साल से एमपी शूटिंग एकेडमी भोपाल में ट्रेनिंग ले रही हैं, वहीं कपिल परमार सीहोर के रहने वाले हैं। दोनों खिलाड़ी पेरिस पैरालंपिक 2024 के मेडलिस्ट हैं। कपिल परमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में 5 सितंबर 2024 को मेंस के -60 किग्रा J1 वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसी के साथ वे जूडो में पैरालंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए। पेरिस पैरालंपिक 2024 में रुबिना ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। रुबिना एमपी की पहली खिलाड़ी हैं जिन्होंने पैरालंपिक में पदक हासिल किया है।

राष्ट्रपति 17 जनवरी को पुरस्कार प्रदान करेंगी

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की। राष्ट्रपति पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी, 2025 सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगी। उल्लेखनीय है कि समिति की सिफारिशों के आधार पर और उचित जांच के बाद, सरकार ने विभिन्न खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, विश्वविद्यालय और संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया है। ‘खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार’ पिछले चार वर्षों की अवधि में अच्छे प्रदर्शन तथा नेतृत्व, खेल कौशल और अनुशासन की भावना दिखाने के लिए दिया जाता है।

अर्जुन अवार्ड के लिए आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किए गए थे और खिलाड़ियों/प्रशिक्षकों/ संस्थाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वयं आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए, जिन पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामसुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा विचार किया गया और इसमें प्रख्यात खिलाड़ी, खेल पत्रकारिता में अनुभव रखने वाले गणमान्य व्यक्ति और खेल प्रशासक शामिल थे।

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