भोपाल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मध्य प्रदेश की छह लोकसभा सीटें सीधी, शहडोल, मंडला, बालाघाट, जबलपुर और छिंदवाड़ा के लिए शुक्रवार सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। बालाघाट के नक्सल प्रभावित बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में दो घंटे पहले चार बजे मतदान समाप्त हो जाएगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, राज्य सशस्त्र बल, जिला पुलिस बल और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है।
पहले चरण में 1.13 करोड़ मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। इन छह सीट पर 91 उम्मीदवार चुनाव मैदान में किस्मत अजमा रहे हैं। इनमें जबलपुर में 19, सीधी में 17, शहडोल में 10, बालाघाट में 16, मंडला में 14 और छिंदवाड़ा में 15 उम्मीदवार मैदान में हैं।
जबलपुर समेत प्रथम चरण की सभी छह लोकसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी ने सघन प्रचार- प्रसार किया। इन क्षेत्रों में 40 से अधिक सभाएं, 30 से अधिक स्थानों पर रोड शो, 25 से अधिक स्थानों पर कार्यकर्ता सम्मेलन हुए। वहीं, कांग्रेस ने भी इन सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। कांग्रेस की तरफ से भी दर्जनों सभा, रैली निकाली गईं। पहले चरण में विध्य-महाकोशल की सभी सीट पर प्रमुख रूप से भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला माना जा रहा है।
जबलपुर लोकसभा सीट
इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस में प्रमुख मुकाबला है। दोनों दलों ने नया चेहरा उतारा है। भाजपा ने पूर्व जिला ग्रामीण अध्यक्ष आशीष दुबे तो कांग्रेस ने भी पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। जबलपुर लोकसभा सीट पर साल 1996 से भाजपा का कब्जा है। यहां से चार बार के सांसद राकेश सिंह के विधानसभा चुनाव जीत कर मंत्री बनने के बाद भाजपा के गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी पार्टी ने आशीष दुबे को सौंपी है। दुबे का मुकाबला कांग्रेस के दिनेश यादव से है, जिन्हें पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए मैदान में उतारा है। प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव जबलपुर आकर भाजपा प्रत्याशी के साथ जबलपुर के विकास का दृष्टि पत्र जारी किया। यहां से कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। जबलपुर में कुल 2130 मतदान केंद्रों पर 18,94,304 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
देशभर की नजर प्रदेश की इस सीट पर है। दरअसल यह कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता है जहां से कांग्रेस अब तक सिर्फ एक बार चुनाव हारी है। वर्ष 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी यहां से कांग्रेस ने जीत हासिल की। यहां कांग्रेस से पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। वहीं, भाजपा की ओर से विवेक बंटी साहू चुनावी मैदान में हैं। बंटी इसके पूर्व विधानसभा चुनाव में खड़े हुए थे और पराजित हो गए।
दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दल के अलावा कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में हैं। हर्रई, पांढुर्णा के कुछ क्षेत्रों में गोंगपा प्रभावी है। संसदीय निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा के लिए छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों के 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 1939 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों पर 16 लाख 32 हजार 190 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। जिसमें 8 लाख 24 हजार 449 पुरूष, जबकि 8 लाख 7 हजार 726 महिला और 15 अन्य मतदाता शामिल हैं।
बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट
आदिवासी बाहुल्य और नक्सल प्रभावित सीट में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा। इस बार भी इस सीट से त्रिकोणीय मुकाबला होगा। भाजपा ने नगर पालिका बालाघाट के वार्ड पार्षद और पूर्व जिला पंचायत सदस्य को टिकट थमाया है। वहीं, कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद बालाघाट-सिवनी सीट से अपने अधिकृत प्रत्याशी की चौंकाने वाली घोषणा की और जिला पंचायत अध्यक्ष और बालाघाट विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अशोक सिंह सरस्वार के पुत्र सम्राट सिंह सरस्वार को टिकट देकर नए चेहरे पर दांव खेला। दो बड़े दलों के सामने बसपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद कंकर मुंजारे त्रिकोणीय मुकाबले की तीसरी ताकत के रूप में हैं। तीनों प्रत्याशियों में भाजपा की भारती पारधी आगे नजर आ रहीं हैं। 18.71 लाख मतदाताओं वाली इस सीट में 25 प्रतिशत वोटर पंवार समाज (ओबीसी) से हैं। भारती पारधी भी इसी समाज से आती हैं। ऐसे में भारती और भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। इस सीट में दूसरी सबसे बड़ी 20 प्रतिशत आबादी आदिवासी (एसटी) वोटरों की है।
मंडला लोकसभा सीट
इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस प्रत्याशी ओंकार सिंह मरकाम के बीच ही सीधा मुकाबला है। आठवीं बार चुनाव मैदान में उतरे फग्गन सिंह इसी लोकसभा क्षेत्र से छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि उन्हें मात्र 2009 के चुनाव में ही कांग्रेस प्रत्याशी बसोरी सिंह मसराम के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। कुलस्ते को वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में अपने संसदीय क्षेत्र और गृह जिले की निवास विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था। उनकी कांग्रेस उम्मीदवार रहे चैन सिंह बरकड़े से 9723 मतों से हार और मंडला संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा क्षेत्र में से पांच में कांग्रेस का कब्जा होने के चलते कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में काफी उत्साहित है।
मंडला संसदीय क्षेत्र में चार जिलों की आठ विधानसभा शामिल है। इनमें मंडला जिले की बिछिया, निवास के साथ मंडला, डिंडौरी जिले से डिंडौरी और शहपुरा, सिवनी जिले से केवलारी, लखनादौन और नरसिंहपुर जिले से गोटेगांव विधानसभा शामिल है। लोकसभा क्षेत्र में शामिल 8 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का 5 में तो भाजपा का तीन में कब्जा है। कुल 21 लाख 1811 मतदाता हैं, जिनमें 1050243 पुरुष और 1051542 महिला मतदाता हैं। थर्ड जेंडर के 26 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। कुल 2614 मतदान केंद्र है, जिनमें 69293 पहली बार युवा वोट डालेंगे। 85 से अधिक उम्र के 8555 और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 27444 है।
शहडोल लोकसभा सीटः
इस लोकसभा सीट के लिए पहले चरण में 19 अपैल को मतदान होना है। यहां 17 लाख मतदाता हैं, जो दस प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 08 लाख 72 हजार पुरुष और 08 लाख 39 लाख महिला मतदाता शामिल है। इस बार भाजपा प्रत्याशी एवं सांसद हिमाद्री सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधायक फुंदेलाल सिंह के बीच ही मुकाबला है। इनके अलावा बसपा, गोड़वाना गणतंत्र पार्टी और कम्युनिष्ट पार्टी सहित देा निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं, लेकिन उनके प्रति जनता को कोई रुझान नहीं है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला दिखना शुरू हो गया था, जो आखिरी तक बना रहा। कभी माहौल भाजपा के पक्ष में तो कभी कांग्रेस के पक्ष में भी दिखता रहा।
सीधी लोकसभा सीट
इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा के डॉ राजेश मिश्रा और कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल के बीच सीधा मुकाबला है। अजय प्रताप सिंह राज्यसभा सदस्य भाजपा टिकट नहीं मिलने से बगावत कर मैदान में हैं। सीधी संसदीय सीट में तीन जिले की विधानसभा शामिल हैं। इस बार चुनाव मैदान में सिंगरौली जिले के सात, सीधी के सात शहडोल जिले के व्यौहारी विधानसभा के दो व मैहर जिले का एक प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या घट गई है। बर्ष 2019 में संसदीय क्षेत्र में 26 प्रत्याशी मैदान में थे,इस बार आठ प्रत्याशी घटकर सिर्फ 17 ही रह गए हैं। तीनों जिले के आठ विधानसभा में सात पर भाजपा के विधायक हैं जबकि चुरहट विधानसभा में कांग्रेस से विधायक हैं। यहां कुल 20,24176 मतदाता हैं। जिसमें 10,49,352 पुरुष और 9,74,810 महिला,14 अन्य मतदाता हैं। इस सीट पर वर्ष 2009 से लगातार भाजपा के कब्जे में है। हाल ही में हुए विधानसभा में सांसद रीति पाठक को सीधी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा गया था। पेशाब कांड के बाद सीधी जिले का नाम देश ही नहीं दुनिया भर में चर्चा रहा है। भाजपा के डॉ. राजेश मिश्रा पहली बार चुनाव मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल 10 वर्ष कांग्रेस से सिहावल विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं, हाल ही के विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली है।