भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में जुलाई माह शुरू होते ही तेज बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश की वजह से प्रदेश की छोटी नदियां उफान पर हैं, तो वहीं बड़ी नदियों और बांधों का जलस्तर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में रविवार सुबह से कई जिलों में कभी धीमी तो कभी तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण सीहोर में कोलार डैम का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर हो गया है। इसे देखते हुए डैम के 8 में से 2 गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। वहीं, बैतूल के सारणी स्थित सतपुड़ा बांध के 14 में से 7 गेट 4-4 फीट तक खोले गए हैं। राजगढ़ के मोहनपुरा डैम के भी 4 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।
प्रदेश में पिछले 11 दिन से तेज बारिश हो रही है। इस कारण डैम और तालाबों में भी पानी बढ़ा है। 24 घंटे में इंदिरा सागर डैम में 3 फीट पानी की बढ़ोतरी हुई है। बरगी और गोपीकृष्ण डैम में भी पानी की आवक हो रही है। भोपाल का बड़ा तालाब अब करीब दो फीट ही खाली है। शहडोल के बाणसागर, नर्मदापुरम के तवा डैम, भोपाल के कलियासोत, राजगढ़ के मोहनपुरा और कुंडालिया डैम में भी पानी बढ़ा है। इधर, उज्जैन जिले में लगातार बारिश की वजह से शिप्रा नदी उफान पर है। एटलस चौराहा, केडी गेट, बहादुर गंज जैसे इलाकों में मकान और सड़कें पानी में डूबे हैं।
प्रदेश में अब तक मानसून सीजन की 103 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। 16 इंच के मुकाबले 16.5 इंच यानी 0.5 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। यह औसत बारिश से 3 प्रतिशत ज्यादा है। पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग में एवरेज से 6 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर चुका है, जबकि पूर्वी हिस्से- रीवा, सागर, जबलपुर और शहडोल संभाग में 1 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हालांकि, जबलपुर संभाग के जिले- सिवनी, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बारिश के मामले में भोपाल संभाग भी आगे है।