Wednesday, November 27, 2024
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आरडीएसएस के तहत लगे केपिसिटर बैंकों के बारे में क्या कहते हैं किसान- मोटर खराबी की शिकायतों में आई कमी

इंदौर जिले के किसान कैलाश हो या खंडवा जिले के मांगीलाल, उज्जैन जिले के इस्माईल भाई हो या फिर देवास जिले की गीता बाई सभी इस बात से खुश हैं कि उन्हें मोटरों से सिंचाई कार्य़ के लिए पर्याप्त बिजली मिल रही है। वोल्टेज भी पिछले वर्ष की तुलना में गुणवत्ता के साथ मिल रहा हैं, क्यों कि उन्हें बिजली देने वाले ग्रिड पर रिवेम्प्ड ड़िस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के अंतर्गत केपिसिटर बैंक जो लगा हैं।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि आरडीएसएस के तहत कंपनी क्षेत्र में 33/11 केवी ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगाए गए हैं। योजना के तहत 65 करोड़ की लागत के 523 केपिसिटर बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। करीब दो सौ केपिसिटर बैंक और लगाने की कार्रवाई चलन में हैं।

उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से रबी सीजन को ध्यान में रखते हुए सिंचाई फीडरों से संबंद्ध ग्रिडों पर लगाए गए इन केपिसिटर बैंकों से बिजली आपूर्ति पहले की तुलना में ज्यादा गुणवत्ता के साथ हो रही हैं।

प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस महत्वपूर्ण योजना से किसानों के साथ ही बिजली कंपनी को भी अपने संसाधनों को बेहतर रखने की दिशा में सफलता मिली हैं। केपिसिटर बैंकों के कारण कृषि फीडरों पर सिंचाई के लिए मोटरें चलने पर पर्याप्त वोल्टेज मिलने से रिएक्टिव लोड लाइनों, ट्रांसफार्मरों और ग्रिडों तक पहुंचने की स्थिति नहीं बन पा रही हैं। ऐसे में एक ओर किसानों की मोटरें ठीक से चल रही है, पर्याप्त पानी सीमित अवधि के दौरान सिंचाई कार्य के लिए मिल रहा हैं। वहीं दूसरी ओर वोल्टेज पर्याप्त मिलने पर यूनिट खपत भी सीमित मात्रा में दर्ज हो रही हैं।

प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि इन केपिसिटर बैंकों की स्थापना से कंपनी की सकल और वाणिज्यिक हानि भी कम करने में सफलता मिलेगी। वहीं किसानों को पर्याप्त वोल्टेज मिलने से मोटरों में खराबी नहीं आएगी, उन्हें कम समय में पर्याप्त पानी मिलेगा, इससे किसानों का बिजली कंपनी, ऊर्जा विभाग को लेकर उपभोक्ता संतुष्टि का स्तर और बढ़ेगा।

कृषक उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं

गेंहू, चने, मटर की फसलों की सिंचाई के बिजली पर्याप्त वोल्टेज के साथ मिल रही है। ग्रिड पर केपिसिटर बैंक लगाने के बाद स्थिति में व्यापक बदलाव आया हैं।

कैलाश सदाशिव पाटीदार, कृषक इंदौर जिला

सिंचाई के लिए दस घंटे बिजली मिलती है। इससे गेंहू, कपास, मिर्च, टमाटर इत्यादि फसलों की सिंचाई अच्छी प्रकार हो रही है। वोल्टेज की दिक्कत भी खत्म हो गई।

मांगीलाल पटेल, किसान जिला खंडवा

हमारे इलाके की बिजली देने वाले ग्रिड पर सरकार ने केपिसिटर बैंक लगाया हैं। इसके बाद हमारे और आसपास के किसानों को वोल्टेज अब कम नहीं मिलता है।

इस्माईल खान, किसान उपभोक्ता जिला उज्जैन

खेत पर मैथी, पालक, मटर, गेंहू, लहसून, प्याज आदि लगाए गए हैं। इस सीजन में मोटरं ठीक चल रही, आगे से वोल्टेज अच्छा मिलने से मोटरें ज्यादा पानी देती हैं।

गीता बाई, किसान जिला देवास

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