मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति एवं अन्य मांगों के लिए सरकार द्वारा रमेश चन्द्र शर्मा (हाई पावर कमेटी) समिति गठित की थी।
समिति द्वारा वित्त विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत के उपरांत अपनी अनुशंसाएं शासन को सौंपी। जिन पर कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री द्वारा दो माहों में निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु लगभग पांच वर्षों से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी शासन द्वारा उक्त मॉगों का निराकरण नहीं हुआ है, जिससे प्रदेश के लिपिकों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मनोज राय, मन्सूर बेग, मुकेश सिंह, युएस करौसिया, आशुतोष तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, विनोद पोद्दार, सुनील कोरी, रूद्र परिहार, सुनील सेठी, अमित नामदेव, सुधीर खरे, आशीष सक्सेना, नितिन श्रृंगी, राजेन्द्र श्रीवास्तव, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, राकेश सुनमोरिया, तपन मोदी, योगेन्द्र मिश्रा, श्यामनारायण तिवारी, विवेक तिवारी, जितेन्द्र त्रिपाठी, विश्वास शर्मा, नरेन्द्र शुक्ला, राकेश राव, शुभ संदेश सिंगौर, मनोष दोपारे, अंकुर प्रताप सिंह, सौरभ सेंगर, गौरव ठाकुर आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि रमेश चन्द्र शर्मा (हाई पावर कमेटी) अनुशंसाये मान्य करते हुए लिपिकों की वर्षों से चली आ रही वेतन विसंगति दूर की जाये।