Saturday, December 21, 2024
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विश्व वेटलैण्ड्स दिवस पर इंदौर में जुटेंगे 200 पर्यावरण विशेषज्ञ

भोपाल (हि.स.)। विश्व वेटलैण्ड्स दिवस-2024 पर शुक्रवार, 02 फरवरी को इंदौर शहर के सिरपुर वेटलैंड पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मुख्य अतिथि होंगे, जबकि केन्दीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी गुरुवार को जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने दी।

उन्होंने बताया कि विश्व वेटलैण्ड्स दिवस कार्यक्रम पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, सह आयोजक, म.प्र. राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, म.प्र. शासन तथा नगर पालिक निगम, इन्दौर के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश के सभी राज्यों के वेटलैण्डर प्राधिकरण के अधिकारी, वैज्ञानिक तथा देश की 80 रामसर साइट्स के प्रबंधक सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ सम्मिलित हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यावरण एवं वन मंत्री नागर सिंह चौहान, पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, सांसद शंकर लालवानी, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, स्थानीय विधायक मालिनी गौड़ एवं रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसोन्दामुम्बाश भी उपस्थित रहेंगी।

उल्लेखनीय है कि दो फरवरी को विश्व वेटलैण्ड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1971 में ईरान के रामसर शहर में तालाबों के बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व वेटलैण्ड्स दिवस तालाबों के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व वेटलैण्ड्स दिवस की थीम ‘‘वेटलैंण्डस एण्ड हयूमन बींग’’ है। इसका मुख्य उद्देश्य यह रेखांकित करना है कि तालाबों का संरक्षण और मनुष्यों का कल्याण दोनों परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

भारत में तालाबों के संरक्षण की एक बहुत ही समृद्ध परंपरा रही है। देश के सभी भागों में प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संरचना, तालाब, सरोवर, सागर स्थित हैं, जो मनुष्यों एवं अन्य जीवों को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

भारत में 02 लाख 25 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में लगभग 02 लाख से अधिक तालाब हैं। मध्यप्रदेश में इनकी संख्या लगभग 15000 से अधिक है। राज्य शासन द्वारा तालाबों के संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। इससे दो वर्षों में रामसर साइट्स की संख्या एक से बढ़कर चार हो गयी है। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त भोपाल-इन्दौर देश के उन तीन शहरों में शामिल हैं, जो रामसर वेटलैण्ड सिटी के रूप में अधिमान्यता प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं।

ज्ञातव्य है कि भारत में एक भी शहर रामसर वेटलैण्ड सिटी के रूप में अधिमान्य प्राप्त नहीं है। जबकि विश्व के 17 देशों के 40 से अधिक शहर वेटलैण्ड सिटी के रूप में चिन्हांकित है।

विश्व वेटलैण्ड्स दिवस के मुख्य कार्यक्रम के तारतम्य में पूरे देश में अनेक आयोजन किए गए, जिसमें लगभग 10 लाख से अधिक लोग इन आयोजनों से जुड़े हैं। मध्यप्रदेश में राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण द्वारा वेटलैण्ड सिटी डायलॉग, वेटलैण्ड स्वच्छता श्रमदान, पक्षी दर्शन, वेटलैण्ड् वॉक, वेटलैण्ड मित्रों के संवाद आदि कार्यक्रम रामसर साइट्स पर आयोजित किए गए। इसमें हजारों की संख्या में लोग इन कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में देश के वेटलैण्ड के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों एवं वेटलैण्ड से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थों एवं उत्पादों के संबंध में प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।

सिरपुर वेटलैंडः इंदौर स्थित सिरपुर वेटलैंड एक मानव निर्मित वेटलैंड है, जिसे पिछली दो शताब्दियों में प्राकृतिक विशेषताओं के साथ विकसित किया गया है। आमतौर पर पक्षी विहार (पक्षी अभ्यारण्य) नाम से प्रसिद्ध यह स्थल एक उथली, क्षारीय, पोषक तत्वों से भरपूर झील है। यह लुप्तप्राय प्रजातियों सहित पौधों और जानवरों को संरक्षण देती है। यह लगभग 175 स्थलीय पौधों की प्रजातियों, छह मैक्रोफाइट्स, 30 प्राकृतिक और मछली प्रजातियों, आठ सरीसृपों और उभयचरों के जीवन के लिए जरुरी व अनुकूलनीय पर्यावरण उपलब्ध कराती है।

सर्दियों के मौसम में जलीयपक्षी यहां आते हैं। करीब 130 पक्षी प्रजातियों को यहाँ देखा गया है। इनमें कॉमन पोचार्ड (अयथ्या फेरिना), मिस्र का गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और इंडियन रिवर टर्न (स्टर्ना ऑरेंटिया) शामिल हैं। सिरपुर वेटलैंड आसपास रहने वाले समुदायों को मत्स्य पालन और औषधीय पौधों की गतिविधियों से जोड़ता है। बाढ़ को रोकता है। स्थानीय लोग शांति, मनोरंजन और पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा के लिए यहां आते हैं।

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