Sunday, September 8, 2024
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अंबाजी मंदिर का 175 किलो सोना गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में निवेश, ब्याज से की जाएगी श्रद्धालुओं की सुविधा में बढ़ोतरी

पालनपुर (हि.स.)। गुजरात की सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ आरासुरी अंबाजी मंदिर के पास 122 करोड़ रुपये का 175 किलो सोना है। वहीं, 50 करोड़ रुपये की करीब 6 हजार किलो चांदी है। यह सब स्वर्ण और चांदी श्रद्धालुओं से मिले दान में प्राप्त हुए हैं। मंदिर ट्रस्ट ने अंबाजी मंदिर के सोना को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में निवेश किया है, जिससे मिलने वाले ब्याज से मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा में बढ़ोतरी की जाएगी।

आम जनता और बड़ी संस्थाओं के पास जमा सोना को उपयोग में लेने के लिए केन्द्र सरकार ने सोना प्राप्त कर उसपर ब्याज देने की गोल्ड मोनोटाइजेशन स्कीम की शुरुआत की थी। योजना का लाभ अंबाजी मंदिर देवस्थान ट्रस्ट ने भी लिया है।

अंबाजी मंदिर के पास वर्ष 1960 से श्रद्धालुओं की ओर से दिए गए दान से 167 किलो सोना जमा था। बाद में भी सोना का दान श्रद्धालु करते रहे। इससे हाल तक मंदिर के पास करीब 122 करोड़ रुपये कीमत का 175 किलो सोना जमा है। राज्य सरकार से मंजूरी लेने के बाद मंदिर ट्रस्ट ने माताजी को चढ़ाए गए स्वर्ण आभूषण आदि को पिघला कर बिस्किट के स्वरूप में परिवर्तित कराया। बाद में श्री आरासुरी मंदिर देवस्थान ट्रस्ट ने 171 किलो सोना बैंक ऑफ बड़ौदा के गोल्ड मोनिटाइजेशन स्कीम में निवेश किया।

अंबाजी मंदिर के अतिरिक्त कलक्टर व प्रशासक कौशिक मोदी के अनुसार अंबाजी मंदिर के पास करीब 6 हजार किलो चांदी का भी दान जमा है। इसकी कीमत करीब 50 करोड़ रुपये है। इसे अभी मोनोटाइजेशन स्कीम में निवेश नहीं किया गया है। परंतु आगामी समय में इसका भी वैल्यूएशन कराया जाएगा जिसमें करीब 15 दिन लगेंगे।

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