Sunday, September 8, 2024
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फ्लाई ऐश के निपटान के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम: थर्मल पावर प्लांटों को 19 कोयला खदानें आवंटित

पर्यावरण संरक्षण और संसाधन के उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कोयला मंत्रालय थर्मल पावर प्लांट द्वारा उत्पन्न फ्लाई ऐश के उचित निपटान और उसके पुनःउपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। व्यापक अनुसंधान और विकास के कारण खाली पड़े स्थान को भरने और निर्माण सामग्री में एक घटक के रूप में फ्लाई ऐश के प्रभावी उपयोग सक्षम हुआ है। यह न केवल इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है बल्कि सतत विकास कार्यप्रणालियों का भी समर्थन करता है।

कोयला मंत्रालय ने फ्लाई ऐश के उचित निपटान को सुनिश्चित करने के इस उद्देश्य के लिए खदानों को आवंटित करके एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके लिए 2023 में कोयला मंत्रालय के अपर सचिव की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्तरीय कार्य समूह का गठन किया गया था। इच्छुक थर्मल पावर प्लांट खदानों के आवंटन के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को आवेदन करते हैं, जिस पर अंततः सीएलडब्ल्यूजी की बैठक में विचार-विमर्श किया जाता है। इस सक्रिय कदम में, कुल 19 खदानें 13 टीपीपी को आवंटित की गई हैं। यह आवंटन फ्लाई ऐश निपटान से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान करता है और कोयला खनन क्षेत्र के भीतर स्थायी कार्यप्रणालियों को बढ़ावा भी देता है। इसके अलावा, गोरबीकोल खदान पिट-1 में अब तक लगभग 20.39 लाख टन फ्लाई ऐश का पुन: उपयोग किया जा चुका है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की 3 नवंबर 2009 की अधिसूचना के अनुसार, ‘फ्लाई ऐश’ शब्द के अर्थ में इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर राख, सूखी फ्लाई ऐश, बॉटम ऐश, तालाब की राख और टीले की राख जैसी सभी उत्पन्न राख शामिल हैं। सिलिकॉन डाइऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड और एल्युमिनियम ऑक्साइड  से भरपूर इसकी संरचना इसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए मूल्यवान बनाती है और संभावित कचरे को उपयोगी सामग्री में भी बदल देती है। प्रभावी प्रबंधन निर्माण गतिविधियों में इसके उपयोग को बढ़ावा देता है, जिससे अपशिष्ट को कम करने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है और कार्बन फुटप्रिंट को भी कम किया जा सकता है।

कोयला मंत्रालय, केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान के सहयोग से फ्लाई ऐश बैकफिलिंग गतिविधियों के लिए थर्मल पावर प्लांट को खदानों के आवंटन के लिए आवेदन प्रक्रिया का प्रबंधन करने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल बनाने की प्रक्रिया में है। इस पोर्टल का उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना और पारदर्शिता व दक्षता सुनिश्चित करना है।

परिचालन खदानों में फ्लाई ऐश को ओवरबर्डन के साथ मिलाने के लिए अधिक से अधिक तरीकों का पता लगाने के लिए व्यापक व्यवहार्यता अध्ययन किए जा रहे हैं। फ्लाई ऐश के सुरक्षित और कुशल उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया स्थापित की गई हैं, जिसमें सुरक्षा और प्रशासनिक दोनों तरह के विचारों को समा‍हित किया गया है। निगाही परिचालन खदान में केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान के सहयोग से एक महत्वपूर्ण व्यवहार्यता अध्ययन चल रहा है। इस अध्ययन का उद्देश्य ओवरबर्डन के साथ मिश्रित की जाने वाली फ्लाई ऐश का अधिक से अधिक प्रतिशत निर्धारित करना है, जिसके परिणाम जल्द ही आने की उम्मीद है।

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