Sunday, September 8, 2024
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अपना मानवीय कर्तव्य भूला बिजली कंपनी प्रबंधन, भीषण गर्मी में लाइन कर्मियों को नही मिली पानी की बोतल

सनातन मान्यता है कि वैशाख मास में जल का दान करना सबसे बड़ा पुण्य है। एक ओर जहां इस भीषण गर्मी में अधिकारी वातानुकूलित कक्षों में बैठकर शीतलपेय पीते हुए गर्मी के असर को कम करते हुए कार्यालयीन कार्यों में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर इस झुलसाने वाली गर्मी में तवे जैसे तपते लोहे के विद्युत पोल पर चढ़कर कार्य करने वाले लाइन कर्मियों को न ठंडी छांव मिलती हैं और न ही शीतल जल ही मिल पाता है, क्योंकि लाइन कर्मियों को कंपनी की ओर से मिलने वाली पानी की बॉटल ही नहीं दी जा रही है।

वहीं बिजली कंपनी प्रबंधन को भी इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि उसके कार्मिकों को उनका अधिकार मिल रहा है या नहीं, क्योंकि सुविधाभोगी प्रबंधन और अधिकारियों को गर्मी और प्यास का एहसास ही नहीं है। ऐसा सुनते आए हैं कि कर्मचारी अपना कर्तव्य भूल गए हैं, लेकिन यहां तो बिजली कंपनी प्रबंधन ही अपना मानवीय कर्तव्य भूल गया है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मी, मीटर रीडर सहित फील्ड में 40 डिग्री तापमान में कार्य करने वाले मैदानी कर्मचारियों को इस भीषण गर्मी में 2 लीटर पानी की बोतल अभी तक नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा सभी मैदानी कर्मचारियों को गर्मी के मौसम में पानी की बोतल दी जाती रही है, लेकिन इस वर्ष अभी तक नहीं दी गई है।

तकनीकी कर्मचारी संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, राम केवल यादव, रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके मौर्य, ख्यालीराम, शशि उपाध्याय, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, विपतलाल विश्वकर्मा, संदीप यादव, पवन यादव, मदन पटेल आदि ने बिजली कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि इस भीषण गर्मी में विद्युत तंत्र को चलायमान रखने वाले आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों को अतिशीघ्र 2 लीटर पानी की बोतल दी जाए।

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