Sunday, September 8, 2024
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क्वांटिटी नहीं क्वालिटी, ऑर्थोडॉक्स के बदले आउट ऑफ़ बॉक्स, यही नई शिक्षा नीति का सारः अमित शाह

इंदौर (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को संपूर्ण विश्व में हर क्षेत्र में अव्वल बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए शिक्षा की नींव मज़बूत होना आवश्यक है। यही कारण है कि वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति का आग़ाज़ किया गया। इसमें क्वांटिटी नहीं क्वालिटी, ऑर्थोडॉक्स के बदले आउट ऑफ़ बॉक्स को सार मानते हुए नीति निर्माण किया गया। ये गर्व का विषय है कि मध्य प्रदेश में इस नीति को देश में सबसे पहले लागू किया। यह भविष्य के 25 सालों में देश के विद्यार्थियों को विश्व के विद्यार्थियों से स्पर्धा योग्य बनाएगी। यह भी गर्व करने की बात है कि मध्य प्रदेश ने इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा को अपनी मातृ भाषा में पठन-पाठन का अवसर विद्यार्थियों को मुहैया कराया है। उद्देश्य सभी वर्ग के लोगों को प्लेटफार्म देखकर समान अवसर उपलब्ध कराना है।

गृहमंत्री शाह रविवार को इंदौर में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर समूचे प्रदेश में एक साथ 55 कॉलेजों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आने से पूर्व मैंने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के सभी तयशुदा मानदंडों की पूर्ति संबंधी कैफ़ियत ली थी। मुझे सकारात्मक जवाब सुनकर प्रसन्नता का अनुभव हुआ। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के सुप्रतिष्ठित संस्थानों के रूप में सारे देश में मध्य प्रदेश का नाम रोशन करने में समर्थ होंगे। शाह ने कहा कि इन एक्सीलेंस कॉलेजों की विशेषता यह है कि इनमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी कोर्स उपलब्ध होंगे तथा ये कॉलेज सभी संसाधनों से युक्त होंगे। इनसे युवा पीढ़ी को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के ज़रिए विद्यार्थियोंं को काग़ज़ी शिक्षा नहीं वरन् जीवन में बदलाव के लिए ज़रूरी व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया गया है। ये प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस युवाओं की जीवन की दिशा तय करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह के हाथों इन कॉलेजों का शुभारंभ और वह भी मालवा की धरती से होना प्रसन्नता और गर्व की बात है। भगवान कृष्ण ने भी मालवा की भूमि में रह 64 कलाओं, 18 पुराणों 14 विद्याओं और चार वेदों की शिक्षा दीक्षा प्राप्त की। छह माह से भी कम समय में इन कॉलेजों का विधिवत शुभारंभ होना इस सिलसिले में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने इन 55 कॉलेजों में शुरू किए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों और लगभग 450 करोड़ रुपयों की लागत से किए गए विकास कार्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रदेश के सभी प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में संचालित पाठ्यक्रमों, उपलब्ध संसाधनों, संकायों के संचालन के लिए मानव संसाधन और अन्य जानकारी विस्तार से रखी। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, सांसद कविता पाटीदार, विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला ‍सहित अन्य जनप्रतिनिधि और संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी अनुराग, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह और बड़ी संख्या में विद्यार्थि उपस्थित थे।

आरंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इससे पहले मंत्री शाह ने परिसर में मध्य प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी महाविद्यालय के काउंटर का वर्चुअल उद्घाटन तथा भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ का शुभारंभ के साथ ही प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस विषयक पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस पर एक वीडियो फ़िल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

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