असम पर बीजेपी का अधिकार फिर से होगा या कांग्रेस को मिलेगा सत्ता का सुख: पं अनिल पांडेय

आप लोगों में से बहुत लोगों में इस संबंध में प्रश्न पूछे थे। माँ शारदा की कृपा से आज मैं आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूंगा। आप लोगों द्वारा पूछे  गए प्रश्नों पर मैंने प्रश्न कुंडली बनाई। पहली प्रश्न कुंडली का प्रश्न है क्या बीजेपी असम में पुनः सत्ता में आ पाएगी।

यह कुंडली कर्क लग्न की है। पंचम भाव में केतु और चंद्रमा हैं , सप्तम भाव में शनि देव हैं अष्टम भाव में गुरु हैं दशम भाव में बुध शुक्र और सूर्य विराजमान है एकादश भाव में राहु है तथा द्वादश भाव में मंगल बैठे हुए हैं।

सत्ता में आने के लिए जनता का समर्थन बहुत आवश्यक होता है और जनता के समर्थन का आकलन चतुर्थ भाव से किया जाता है। इस प्रश्न कुंडली का चतुर्थ भाव खाली है उसमें कोई ग्रह नहीं है। चतुर्थ भाव में तुला राशि है जिसका स्वामी शुक्र सम राशि में बैठकर उसे देख रहा है। शुक्र के अलावा सम राशि में बैठकर बुध मित्र दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है तथा उच्च का सूर्य नीच दृष्टि से देख रहा है। गुरु भी सम राशि में बैठ कर के शत्रु दृष्टि से देख रहा है।

इससे यह जाहिर हो रहा है कि कुछ पढ़ा लिखा तबका बीजेपी का विरोध करेगा। इसके अलावा अपनी राशि में बैठकर के शनि मित्र दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। अतः मुसलमानों का विरोध बीजेपी को झेलना पड़ेगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कुछ पढ़ा-लिखा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विशेषकर मुसलमान बीजेपी को सपोर्ट नहीं करेंगे। अन्य सभी से बीजेपी को जनादेश प्राप्त होगा।

इलेक्शन में शत्रुओं की के बारे में आकलन करना अत्यंत आवश्यक होता है । यह आकलन छठे भाव से किया जाता है। छठा भाव धनु राशि का है। जिसके स्वामी गुरु सम राशि में बैठे हुए हैं तथा इस पर मंगल की दृष्टि है। जिसके कारण शत्रु हंता योग बन रहा है। जिससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी ने अपने शत्रुओं को परास्त कर दिया है।

किसी भी जीत हार में भाग्य का बड़ा योगदान होता है भाग्य को कुंडली में नवम भाव से देखा जाता है नवम भाव का स्वामी गुरु है जो सम राशि में बैठा हुआ है। अतः भाग्य को सामान्य बनाएगा। इसके अलावा सम्राट में बैठ कर के शनि की तीसरी दृष्टि भाग्य भाव पर है, इसके कारण बीजेपी का भाग्य बलवान कहा जा सकता है।

आज के समय में इलेक्शन में राज्य का तथा राज्य के कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहता है इस कुंडली के राज्य भाव में उच्च का सूर्य बैठा हुआ है जो कि बीजेपी को बहुत सपोर्ट कर रहा है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की बीजेपी, कुंडली के अनुसार सरकार में पुनः आ रही है।

अब हम आते हैं विंशोत्तरी दशा की तरफ। विंशोत्तरी दशा देखने के लिए ग्रहों का बल देखना आवश्यक है। इस कुंडली के अनुसार सबसे बली ग्रह सूर्य है । दूसरे नंबर पर शुक्र है, तीसरे नंबर पर शनि है चौथे पर मंगल है पांचवें पर गुरु है छठे पर बुध और सातवें नंबर पर चंद्रमा है।

2 मई को मतगणना होनी है उस समय बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा में गुरु के प्रत्यंतर में शुक्र की सूक्ष्म दशा होगी। इसमें गुरु को छोड़कर सभी ग्रह पहले चार में आते हैं। इस प्रकार विंशोत्तरी दशा के आधार पर भी बीजेपी की जीत निश्चित है।

सीटों की संख्या निश्चित करने के लिए आवश्यक है कि गोचर का अध्ययन भी किया जाए। असम में कुल 126 सीटों पर चुनाव हो रहा है जीतने के लिए 64 सीटों की आवश्यकता होगी। कुंडली एवं विंशोत्तरी दशा के अनुसार बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिखाई दे रहा है। गोचर में चंद्रमा 2 मई 2021 को 2:45  दिन से मकर राशि में प्रवेश कर रहा है।

दूसरा महत्वपूर्ण ग्रह गुरु अष्टम भाव में है तीसरा महत्वपूर्ण है शनि सप्तम भाव में है एवं चौथा महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य उच्च का होकर राज्य में है। अतः 2 मई को  करीब 2:00 बजे तक बीजेपी की स्थिति कम अच्छी रहेगी। उसके उपरांत बीजेपी की सीटें बहुत तेजी से बढ़ेंगीं। 2 बजे तक करीब 50 प्रतिशत सीटें घोषित हो जाती है, अतः इसमें बीजेपी को करीब-करीब मिलेंगी 32 सीटें मिलेंगी। उसके उपरांत बाकी 50 प्रतिशत सीटों में से बीजेपी को 40 सीटें मिलने की उम्मीद है। किस प्रकार बीजेपी को असम में 72 सीटें मिलने का अनुमान है।

ज्योतिषाचार्य पं अनिल पांडेय

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