LDF या UDF: केरल में किसकी बनेगी सरकार: पं अनिल पांडेय

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आप लोगों में से बहुत लोगों ने केरल के चुनाव परिणामों के संबंध में प्रश्न पूछे थे। माँ शारदा की कृपा से आज मैं आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूंगा। आप लोगों द्वारा पूछे  गए प्रश्नों पर मैंने प्रश्न कुंडली बनाई। पहली प्रश्न कुंडली का प्रश्न है क्या एलडीएफ फिर से सत्ता में आएगी।

यह कुंडली सिंह लग्न की है। चतुर्थ भाव में उच्च राशि में केतु हैं पंचम भाव में चंद्रमा हैं , छठे भाव में शनिदेव हैं। सप्तम  भाव में गुरु हैं। नवम भाव में बुध, शुक्र और सूर्य विराजमान है। मौसम भाव में राहु है तथा एकादशी भाव में मंगल बैठे हुए हैं।

सत्ता में आने के लिए जनता का समर्थन बहुत आवश्यक होता है और  जनता के समर्थन का आकलन चतुर्थ भाव से किया जाता है। इस प्रश्न कुंडली का चतुर्थ भाव में उच्च के केतु विराजमान है। चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल शत्रु भाव में मिथुन राशि विराजमान है। इसका अर्थ है जनता में एलडीएफ को लेकर कन्फ्यूजन रहेगा, जिसके कारण जनता की वोट में थोड़ी कमी आएगी। 
इलेक्शन में शत्रुओं की के बारे में आकलन करना अत्यंत आवश्यक होता है। यह आकलन छठे भाव से किया जाता है। छठा भाव मकर राशि का है। जिसके स्वामी शनि देव मकर राशि में बैठे हुए हैं तथा इस पर मंगल की दृष्टि है । जिसके कारण शत्रु हंता योग बन रहा है। जिससे साफ जाहिर होता है कि एलडीएफ ने अपने शत्रुओं को परास्त कर दिया है।

किसी भी जीत हार में भाग्य का बड़ा योगदान होता है भाग्य को कुंडली में नवम भाव से देखा जाता है नवम भाव का स्वामी मंगल है जो अपनी शत्रु राशि में बैठा हुआ है। अतः भाग्य को सामान्य बनाएगा। परंतु इस भाव में उच्च के सूर्य बैठे हुए हैं, जिसके कारण एलडीएफ का भाग्य काफी अच्छा रहेगा। 

आज के समय में इलेक्शन में राज्य का तथा राज्य के कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहता है, इस कुंडली के राज्य भाव में उच्च का राहु बैठा हुआ है जो कि एलडीएफ को बहुत सपोर्ट कर रहा है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की कुंडली के अनुसार एलडीएफ शासन में पुनः आ रही है।

अब हम आते हैं विंशोत्तरी दशा की तरफ। विंशोत्तरी दशा देखने के लिए ग्रहों का बल देखना आवश्यक है। इस कुंडली के अनुसार सबसे बली ग्रह शुक्र है। दूसरे नंबर पर सूर्य है, तीसरे नंबर पर शनि है चौथे पर मंगल है पांचवें पर गुरु है छठे पर बुध और सातवें नंबर पर चंद्रमा है।

 2 मई को मतगणना होनी है, उस समय केतु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में चंद्रमा के प्रत्यंतर में केतु की सूक्ष्म दशा होगी। केतु इस कुंडली में उच्च का है अतः अच्छे फल देगा। शुक्र षड्बल साधना में पहले नंबर पर है बहुत अच्छी कहलाए। केवल एक चंद्रमा जिसकी की प्रत्यंतर दशा है वक्त खराब है और वह नुकसान करेगा। इस प्रकार विंशोत्तरी दशा के आधार पर भी एलडीएफ की जीत निश्चित है, परंतु यह जीत ज्यादा सीटों से नहीं होगी।

सीटों की संख्या निश्चित करने के लिए आवश्यक है कि गोचर का अध्ययन भी किया जाए। केरल में कुल 140 सीटों पर चुनाव हो रहा है, जीतने के लिए 64 सीटों की आवश्यकता होगी। कुंडली एवं विंशोत्तरी दशा के अनुसार एलडीएफ को स्पष्ट बहुमत दिखाई दे रहा है। गोचर में चंद्रमा 2 मई 2021 को 2:45  दिन से मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। दूसरा महत्वपूर्ण ग्रह गुरु सप्तम  भाव में है। यह बड़ा महत्वपूर्ण है और इसके कारण एलडीएफ को काफी लाभ मिलेगा। तीसरा महत्वपूर्ण है शनि छठे भाव में है एवं चौथा महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य उच्च का होकर भाग्य में है।

अतः 2 मई को  करीब 3 बजे तक एलडीएफ की स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। उसके उपरांत यूडीएफ की सीटें बढ़ेंगीं। 3 बजे तक करीब 50 प्रतिशत सीटें घोषित हो जाती है, अतः इसमें LDF को करीब-करीब 60  सीटें मिलेंगी। उसके उपरांत बाकी 50 प्रतिशत सीटों में से LDF को 30 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस प्रकार LDF को केरल में 90 सीटें मिलने का अनुमान है।

ज्योतिषाचार्य पं अनिल पांडेय

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